पुटकी प्रेम नगर निवासी आदिवासी महिला रीता देवी (26) की मौत पीएमसीएच में इलाज के दौरान शनिवार को हो गयी. इस संबंध में महिला के पति अनिल कोड़ा ने सरायढेला थाना में दो चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
धनबाद : पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर लाश परिजनों को सौंप दिया है.कहा कि जांच के बाद अग्रतर कार्रवाई की जायेगी. परिजनों ने थाना में कहा है कि 17 फरवरी 2016 को केंदुआडीह शहरी स्वास्थ्य बंध्याकरण शिविर में रीता का ऑपरेशन कराया. घर जाने के बाद पेट फूलने लगा. दो दिन बाद फिर से केंद्र पहुंच कर चिकित्सकों को दिखाया तो चिकित्सकों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया. वहां बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान आंत क्षतिग्रस्त हो गयी है. इसके बाद वहां एक ऑपरेशन किया. रीता की मौत शनिवार तड़के 3.30 बजे हो गयी.
रीता की एक छह वर्ष की बेटी किरण, तीन वर्ष के पुत्र विशाल व एक साढ़े तीन माह का बच्चा है. इधर, सीएस डॉ एके सिन्हा ने बताया कि मौत के कारणों को देखा जा रहा है. बंध्याकरण इसका कारण है, तो सरकार की ओर से दो लाख रुपये दिये जायेंगे.
पति ने दिया खून, ब्लड बैंक ने मांगे पैसे : अनिल ने बताया कि रीता को चार यूनिट ओ पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता थी. पीएमसीएच के ब्लड बैंक से गुहार लगायी, लेकिन वहां दो हजार रुपये मांगे जा रहे थे. इसके बाद मैंने अपना दो यूनिट ब्लड दिया. पीएमसीएच के इलाज करने वाले चिकित्सक भी नियमित जांच नहीं करते थे.
केंदुआडीह में बंध्याकरण के बाद खराब हुई थी स्थिति
पेट में इन्फेक्शन के कारण मौत : रिपोर्ट
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की मौत इंफेक्शन के कारण बताया गया है. चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद स्टीच से आंत को नुकसान हुआ, संभवत: इससे इंफेक्शन हुआ. जो सेप्टीसीमिया का कारण बना. बाद में शॉक से मरीज की जान चली गयी.
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