धनबाद : इस साल मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को पड़ रही है. 2015 में अधिक मास पड़ने के कारण सभी त्योहारों की तिथि आगे बढ़ गयी है.
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इस वर्ष मकर संक्रांति 15 जनवरी को
धनबाद : इस साल मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को पड़ रही है. 2015 में अधिक मास पड़ने के कारण सभी त्योहारों की तिथि आगे बढ़ गयी है. ऋृषिकेष पंचांग : आचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार इस साल मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को मनायी जायेगी. ग्रहों की गति में […]
ऋृषिकेष पंचांग : आचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार इस साल मकर संक्रांति 14 की जगह 15 जनवरी को मनायी जायेगी. ग्रहों की गति में वृद्धि के कारण त्योहारों की निश्चित तिथि में बदलाव आया है. 15 जनवरी को सुबह साढ़े सात बजे से मकर संक्रांति प्रारंभ हो रही है. इस दिन तिल नहाय, तिल खाये, तिल तापे की परंपरा है.
मिथिला पंचांग: पंडित गुणानंद झा बताते हैं कि 14 जनवरी रात्रि एक बजकर 20 मिनट से संक्रांत प्रवेश कर रहा है. इस लिए 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मान्य होगा. 15 जनवरी से ही गंगा सागर स्नान, माघ स्नान प्रारंभ हो जायेगा. शास्त्रों के अनुसार माघ में गंगा स्नान का बहुत महत्व है.
काशी विश्व पंचांग : मनोज पांडेय के अनुसार इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी की जगह 15 जनवरी को मनाया जायेगा. संक्रांति 14 जनवरी को रात्रि एक बजकर 19 मिनट से प्रारंभ होगी. इस लिए संक्रांति का त्योहार 15 को सुबह साढ़े सात बजे के बाद मनाया जायेगा.
2044 तक 15 जनवरी को मकर संक्रांति : ऋृषिकेश पंचांग के अनुसार वर्ष 2044 तक 15 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ेगी. आचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी के अनुसार शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि 250वें साल पर सूर्य की गति बदलती रहती है. मौजूदा समय में सूर्य की गति बदली हुई है जिस कारण तिथि में परिवर्तन हुआ है.
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