धनबाद में भी बसता है केरल
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स्वामिये शरणम अयप्पा से गूंजेगा मंदिर
धनबाद में भी बसता है केरल धनबाद : कोयलांचल में साठ केरेलियन परिवार बसता है. जनवरी आते ही ये परिवार अपने प्रदेश केरल को काफी मिस करते हैं. क्योंकि केरल में संक्रांति की घूम मचती है. अयप्पा स्वामी की पूजा अर्चना के बाद सभी सामूहिक रूप से पारंपरिक भोजन ग्रहण करते हैं. संध्या में दिवा […]
धनबाद : कोयलांचल में साठ केरेलियन परिवार बसता है. जनवरी आते ही ये परिवार अपने प्रदेश केरल को काफी मिस करते हैं. क्योंकि केरल में संक्रांति की घूम मचती है. अयप्पा स्वामी की पूजा अर्चना के बाद सभी सामूहिक रूप से पारंपरिक भोजन ग्रहण करते हैं. संध्या में दिवा आरती होती है.
पारंपरिक रूप से मनायी जाती है संक्रांति : जगजीवन नगर अयप्पा मंदिर में संक्रांति पारंपरिक रूप से मनायी जाती है. अयप्पा टेंपल कमेटी द्वारा पूजा आयोजित की जाती है. सुबह चार बजे महा गणपति होम के बाद कलश पूजा प्रारंभ होती है. पारंपरिक पूजा के लिए केरल से पुरोहित को बुलाया जाता है. पूजा, महाआरती के बाद सामूहिक रूप से पारंपरिक भोजन ग्रहण करते है. 15 जनवरी को संक्रांति मनायी जायेगी.
16 नवंबर से प्रारंभ होती है पूजा :
कमेटी के उपाध्यक्ष टी मुरलीघरन बताते हैं केरल में 16 नवंबर से संक्रांति की पूजा शुरू हो जाती है जो 14 जनवरी को समाप्त होती है. पूजा प्रारंभ होने के बाद सभी ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. अयप्पा स्वामी की अर्चना कर परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना करते हैं.
स्वयं जल उठते हैं दीप: केरल के सावेरीमाला पहाड़ पर अयप्पा स्वामी का मंदिर है. संक्रांति पर संध्या में वहां स्वंय दीप प्रज्वलित हो उठता है. जिसे देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं. मान्यता है कि अयप्पा स्वामी की पूजा करने से शनि महाराज के दोष से मुक्ति मिलती है.
1979 से हो रही है पूजा : अयप्पा स्वामी की पूजा कोयलांचल में 1979 से हो रही है. पहले झरिया नंदावना हॉल में पूजा होती थी. 1981 में जगजीवन नगर में अयप्पा टेंपल बनने के बाद यहां पूजा की जाने लगी. सुबह पूजा प्रारंभ हो जाती है. महा आरती के बाद केरला का पारंपरिक भोजन चावल, अवियल, इंजीकरी, तोरल, पचरी, पायस केले के पत्ते पर प्रसाद के रूप में केरेलियन एवं अन्य लोग ग्रहण करते हैं. संध्या में सजे रथ पर अयप्पा स्वामी को बिठा कर नगर भ्रमण कराया जाता है. मंदिर की सीढ़ियों पर कपूर जलाकर रोशनी कर दिवा आरती की जाती है.
ये हं कमेटी मेंबर : के विजय कुमार अध्यक्ष, टी मुरलीघरन उपाध्यक्ष, टीआर राजू सचिव, उन्नी कृष्णन संयुक्त सचिव, रवींद्रण नायर कोषाध्यक्ष, राजकुमार पीके केयर टेकर, प्रसन्ना विजय कुमार, अर्चना मुरलीधरन, लता रविंद्रण, राधा मणि आदि.
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