धनबाद : भारतीय मजदूर संघ ने जिला कमेटी के संरक्षक गोपाल प्रसाद और कार्यकारी अध्यक्ष राम नगीना यादव को संगठन से निकाल बाहर किया है. बुधवार को प्रभात खबर में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए भामसं के प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद ने यह कार्रवाई की. संगठन के दफ्तर में बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रसाद ने बताया कि गोपाल प्रसाद भामसं से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ (धकोकसं) में पद चाहते थे.
जबकि रिटायरमेंट के बाद धकोकसं में काम नहीं कर सकते. यह संगठन का नियम है. इस मौके पर भामसं के पूर्वाचंल प्रभारी एसपी सिन्हा, भामसं के प्रदेश कोषाध्यक्ष हरिलाल साव, धकोकसं के अध्यक्ष केपी गुप्ता, भामसं के जिला मंत्री रमेश चौबे उपस्थित थे.
धकोकसं के संस्थापकों में से एक
गोपाल प्रसाद धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के संस्थापकों में से एक हैं. वे 1985 से 1994 तक धकोकसं के महामंत्री रह चुके हैं. भामसं के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे 1964 में जनसंघ से जुड़े थे. धकोकसं को इस मुकाम तक लाने में इनकी अहम भूमिका बतायी जाती है.
आरोप, जिस कारण कार्रवाई हुई : गोपाल प्रसाद ने भामसं एवं धकोकसं पर सिद्धांतों से भटकने, धकोकसं को लूट-खसोट का अड्डा बनाने का आरोप लगाते हुए 17 जनवरी को धकोकसं की तदर्थ कमेटी बनाने का ऐलान किया था. उन्होने संघ के 20 जनवरी के प्रस्तावित सम्मेलन को अवैध बताया था. संघ के नेताओं पर प्रबंधन एवं ठेकेदारों से मुद्रा मोचन करने, संघ कार्यालय विश्वकर्मा भवन को निजी संपत्ति समझने का आरोप भी लगाया था.