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भविष्य उनका है, जो वक्त के साथ चलेंगे
धनबाद. खुद शिक्षक हूं, पर विद्यालय की विशेषता बताने को मेरे पास शब्द नहीं हैं. इस स्कूल के बच्चे चाहे जिस क्षेत्र में हो, उन्होंने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. भविष्य उनका है जो उसके साथ चलेगा. झारखंड में ऐसे विद्यालय कैसे हों, इसके लिए धनबाद से प्रेरणा लेनी चाहिए. राजकमल के पूर्व प्राचार्य फूल सिंह […]
धनबाद. खुद शिक्षक हूं, पर विद्यालय की विशेषता बताने को मेरे पास शब्द नहीं हैं. इस स्कूल के बच्चे चाहे जिस क्षेत्र में हो, उन्होंने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. भविष्य उनका है जो उसके साथ चलेगा. झारखंड में ऐसे विद्यालय कैसे हों, इसके लिए धनबाद से प्रेरणा लेनी चाहिए. राजकमल के पूर्व प्राचार्य फूल सिंह को जैक उपाध्यक्ष बनाना सौभाग्य की बात है. ये उद्गार झारखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रो दिनेश उरांव के हैं. वह शुक्रवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
उन्होंने कहा : भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत शिक्षा विद्या मंदिरों को अन्य विद्यालयों से अलग करती है. लोग कहते हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं का व्यवहार दूसरी पार्टियों से अलग होता है, ठीक उसी तरह विद्या मंदिरों के भइया-बहनों का व्यवहार अलग होता है. यहां भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रप्रेम की शिक्षा दी जाती है. यह परंपरा हमारे विद्यालयों को अन्य विद्यालयों से अलग करती है. शिक्षा केवल सरकार के बूते की बात नहीं.
मौके पर विशिष्ट अतिथि मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, मुख्य वक्ता विद्या विकास समिति, झारखंड के सचिव मुकेश नंदन, समारोह अध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी, विद्यालय उपाध्यक्ष शंकर दयाल बुधिया, सह मंत्री दीपक रूईया, कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर अग्रवाल, जैक उपाध्यक्ष सह विद्यालय के निदेशक फूल सिंह, प्रभारी प्राचार्य राजेश कुमार सिंह, उप प्राचार्या उमा मिश्रा, प्रभारी उप प्राचार्य मनोज कुमार आदि मौजूद थे. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विद्या विकास समिति, झारखंड के सचिव मुकेश नंदन ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए केवल पुस्तकीय ज्ञान पर्याप्त नहीं है. उन्हें अपने चरित्र को संवारने की जरूरत है. विद्या भारती का लक्ष्य समाज को चरित्रवान युवा देना है. उप प्राचार्या उमा मिश्रा ने भटकाव भरे दौर में विद्यार्थी से सजग रहने की अपील की. उन्हें धनी सोच व कल्पनाशील बनने की अपील की. सुखद भविष्य को ले शिक्षक, अभिभावक व समाज बच्चों को संवारने में जुटें. विद्यालय प्रबंध समिति के मंत्री विनोद कुमार तुलस्यान ने वार्षिक आख्या प्रस्तुत कर उपलब्धियां व आगामी योजनाएं बतायी. कहा कि 37 वर्षों में राजकमल ने देश को कई आइएएस, आइपीएस, आइआरएस, सीए, चिकित्सक, नेतृत्वकर्ता व व्यवसायी दिये हैं.
जो थे मौजूद : विद्यालय प्रबंध समिति के केशव कुमार हड़ोदिया, रवींद्र कुमार पटनिया, प्रो एलके चौधरी, प्रभारी दिवाकर झा, परिमल चंद्र झा, राणा प्रताप, प्रतिमा चौबे, विनय नारायण राय, संगीता वर्मा आदि उपस्थित थे.
मंच संचालन : अंजली, शालिनी, सुनिधि, शिवांगी, चंद्रशेखर, शिवम, विशाल, किशन, सोनाली, अंकिता, मोनिका, रिधि, आस्था आदि.
अहिष्णुता के राग पर वार
कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने ‘हड़ताल की पड़ताल’ नाटक का मंचन कर खूब तालियां बटोरीं. नाटक का लेखन एवं निर्देशन शिक्षक कृष्ण प्रसाद मिश्रा ने किया. इस नाटक में प्रशासन एवं सरकार को झुकाने के लिए हड़ताल का सहारा लेना एवं असामाजिक तत्वों को बचाने के लिए न्यायिक व्यवस्था के दुरुपयोग पर सीधा कटाक्ष था. दूसरी ओर ‘राग असहिष्णुता’ एकांकी को लोगों ने खूब पसंद किया. इस एकांकी का निर्देशन शिक्षक कमल नयन ने किया. इसमें बताया गया कि असहिष्णुता देश के अंतर्कलह के कलाकारों की उपज है. अपराधी क्रांति की भाषा बोलते हैं एवं अपने ही देश के कतिपय खुदगर्ज असहिष्णुता के नाम पर देश को बदनाम करने में लगे हैं. इस एकांकी में इसी पहलू पर व्यंग्य किया गया.
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