धनबाद: क्या यही अच्छे हैं. अच्छा दिन का जुमला महज वोट के लिए था या हकीकत में ये दिन देखने को मिलेंगे. बढ़ रही महंगाई से त्रस्त धनबाद की जनता को राहत की किरण नहीं दिख रही है. मोदी सरकार के एक साल बीत गये, लेकिन महंगाई है कि कम होने का नाम नहीं ले रही.
कभी दलहन तो कभी तेलहन. अब तो गरीबों का भोजन चावल की कीमत भी बढ़ गयी है. दस दिनों में तीन सौ से चार सौ रुपये प्रति क्विंटल कीमत बढ़ी है. अरहर दाल के भाव आज भी 150 रुपये किलो व सरसों तेल 120 रुपये लीटर है. कारोबारियों की मानें तो पुराना चावल का स्टॉक खत्म हो गया था. नयी फसल बाजार में आने से पहले सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया. इसका असर बाजार पर पड़ा है.
प्याज पर मनमानी कर रहे रिटेलर : प्याज के रिटेलर अब भी मनमानी कर रहे हैं. होलसेल मंडी में प्याज की कीमत 18 रुपये किलो है, जबकि रिटेल बाजार में यह 24-30 रुपये किलो से कम नहीं है. मुहल्लों में इसकी कीमत 30-35 रुपये किलो बतायी जा रही है. कारोबारियों की मानें तो इस साल प्याज की अच्छा फसल हुई है. नासिक व इलाहाबाद से प्याज आ रहा है. बंगाल से प्याज की आवक शुरू होने के बाद इसकी कीमत 12 से 14 रुपये किलो हो जायेगी.