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जामाडोबा : एक घंटे तक रही जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था

जोड़ापोखर: जामाडोबा वाटर बोर्ड में शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडीएम (सप्लाई) अशोक कुमार व दंडाधिकारी झरिया सीओ विशाल कुमार की देख-रेख में पीएचइडी, टिस्को कर्मियों और ठेकेदारों के सहयोग से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की गयी. एक घंटा जलापूर्ति के बाद 12 एमजी व 9 एमजी प्लांट में पानी ओवर फ्लो होने […]

जोड़ापोखर: जामाडोबा वाटर बोर्ड में शुक्रवार को सुरक्षा व्यवस्था के बीच एडीएम (सप्लाई) अशोक कुमार व दंडाधिकारी झरिया सीओ विशाल कुमार की देख-रेख में पीएचइडी, टिस्को कर्मियों और ठेकेदारों के सहयोग से जलापूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू की गयी. एक घंटा जलापूर्ति के बाद 12 एमजी व 9 एमजी प्लांट में पानी ओवर फ्लो होने व मोटर से धुआं निकलने लगा.

मोटर जलने की आशंका को देखते हुए तत्काल जलापूर्ति रोक दी गयी. वाटर बोर्ड में पहुंचे दोनों अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को सुबह छह बजे से माडा कर्मियों की हड़ताल शुरू हो गयी, जिसे देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी. इसमें पेयजल आपूर्ति वन के कनीय अभिंयता प्रभाकर कुमार, पीएचइडी के कनीय अभियंता मंगेसर भगत की देख रेख में कुछ 35 कर्मी लगे हैं.

हड़ताल के बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में जलापूर्ति की जिम्मेवारी अपने हाथों में ले ली है. बताया कि झरिया क्षेत्र के लिए धनसार के पास कुसुंडा के लिए जो वाटर पाइप लगी है, उसे झरिया वाटर बोर्ड के पाइप से जोड़ दिया गया है. यहां से जलापूर्ति की जा रही है. केंदुआ-पुटकी के लिए भी पेय जल की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. प्रशासन का प्रयास रहेगा कि जनता को जल संकट से बचाया जा सके. हड़ताल से पेयजल आपूर्ति में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि माडा कर्मियों की मांगों को दरकिनार नहीं लिया जा सकता, मगर जलापूर्ति जैसी आवश्यक सेवा को बंद कर हड़ताल पर चले जाना गैर कानूनी है. माडा एमडी ने कर्मियों से 30 नवंबर तक का समय मांगा था.

जहां तक माडा का नगर निगम में विलय की बात है, उसके लिए प्रशासनिक व विभागीय स्तर पर नियोजन संबंधित कागजात की जांच चल रही है. हड़ताल के दौरान अगर मोटर जल जाता है या किसी तरह की गड़बड़ी होगी तो उसकी जिम्मेवारी माडा कर्मियों पर होगी. वहीं पीएचइडी के कनीय अभियंता मंगेसर भगत ने बताया कि सुबह जलापूर्ति के लिए दामोदर में लगे मोटर पंप 5,6,7,8 चालू किया गया. इसके माध्यम से दोनों प्लांटों में जल भंडारन हुआ. ओवर फ्लो होने व मोटर जलने की सूचना पर सभी मोटर बंद कर दिये गये. लेकिन आठ नंबर मोटर से 9 नंबर के प्लांट के माध्यम से केंदुआ पुटकी में पानी सप्लाई हो रही है. प्लांट से पानी ओवर फ्लो क्यों हो रहा है, इसका जबाव माडा के जल कर्मी ही दे सकते हैं.

लाखों गैलन पानी बहा : ओवर फ्लो होने के कारण 12 एमजी व 9 एमजी प्लांट से लाखों गैलन पानी व हजारों रुपये का केमिकल बह रहा है, जिसे रोक पाना कार्यरत कर्मियों के बस की बात नहीं है. पानी की बर्बादी को रोकने में प्रशासनिक अधिकारी जुटे हुए है.

प्रशासनिक पहल बेकार गयी : जलापूर्ति में हुई गड़बड़ी के बाद प्रशानिक अधिकारी हड़ताली कर्मियों को बुलाने उनकी कॉलोनी में गये और काम पर लौटने का आग्रह किया. लेकिन कोई काम पर नहीं लौटा.

मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी : माडा कर्मियों के अगुआ शिव नारायण दुबे, राम नारायण दुबे व विशेश्वर महतो ने कहा कि जब तक चार सूत्री मागें पूरी नहीं होगी, माडा की हड़ताल जारी रहेगी.

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