जागरूकता से ही आपदा से क्षति पर नियंत्रण संभव
आम लोगों के जीवन में सुधार के लिए टेकविल : अमलेंदु
धनबाद.: केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य प्रो. हर्ष के गुप्ता ने कहा है कि भूकंप बहुत ही क्षतिकारक प्राकृतिक संकट है. इस कारण लाखों जिंदगियां तबाह हो जाती हैं और करोड़ों रुपये की आर्थिक क्षति होती है़ 21वीं सदी की अल्पावधि में तबाह हुई इंसानी जिन्दगियां बीसवीं सदी में भूकंप के कारण तबाह हुई जिंदगियों से बहुत अधिक है.
प्रो. गुप्ता ने रविवार को सिंफर की 11वीं अनुसंधान परिषद की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तबाह आबादी को अब यह सीखना है कि भूकंप के पहले एवं उसके बाद क्या करने की जरूरत है. इस दिशा में भूकंप परिदृश्य बनाना तथा जन साधारण के साथ ज्ञान बांटना फायदेमंद होगा. भवनों में जान की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पहलू है. यदि 1905 के कांगड़ा और शिलांग भूकंप की पुनरावृत्ति हुई तो हम हजारों जिंदगी खो देंगे. 2004 की सुनामी के बाद अत्याधुनिक सुनामी चेतावनी पद्धति स्थापित करने में भारत को कामयाबी हासिल हो गयी है.