जबकि कैट पटना एवं रांची ने इन मजदूरों की सेवा नियमित करने के लिए दो-दो बार आदेश दिया. कैजुअल मजदूरों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. साथ ही रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुके सभी मजदूरों की सेवा स्थायी कराने की भी मांग की है.
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32 वर्षों से कैजुअल ही रहे लाइनमैन
धनबाद. 32 वर्षों से लगातार भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले 38 लाइनमैन की उम्र बीत गयी. लेकिन, सेवा स्थायी नहीं हुई. रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुके इन मजदूरों के लिए जीवन का शेष भाग पहाड़ सा बन गया है. पीड़ित कैजुअल मजदूरों ने इस मामले में प्रधानमंत्री […]
धनबाद. 32 वर्षों से लगातार भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले 38 लाइनमैन की उम्र बीत गयी. लेकिन, सेवा स्थायी नहीं हुई. रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुके इन मजदूरों के लिए जीवन का शेष भाग पहाड़ सा बन गया है. पीड़ित कैजुअल मजदूरों ने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर न्याय की गुहार लगायी है.
क्या है पूरा मामला
बीएसएनएल जब दूरसंचार विभाग था तब वर्ष 1983 में धनबाद में 39 लाइनमैन को दैनिक मजदूर के रूप में रखा गया था. इसके बाद से अब तक सभी लाइनमैन दैनिक मजदूर के रूप में लगातार बीएसएनएल में काम कर रहे हैं. कैजुअल मजदूरों का दावा है कि इस दौरान हर वर्ष 240 दिन लगातार काम किये. सरकारी नियमानुसार एक वर्ष में 240 दिन लगातार काम करने वाले दैनिक मजदूर की सेवा स्थायी करने का प्रावधान है. लेकिन, यहां सिर्फ एक मजदूर की ही सेवा नियमित हुई.
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