निगम की आउटसोर्स एजेंसी ऋतिका प्रिंटेक के निदेशक रुपेश कुमार के मुताबिक झारखंड नगरपालिका अधिनियम की धारा 184(1)(ई) के तहत नगर निगम को बकायेदारों के बचत खाता तथा अन्य वित्तीय प्रपत्र जब्त करने का अधिकार है. खाता जब्त नहीं करने पर नगरपालिका अधिनियम की धारा छह सौ के तहत संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक के खिलाफ नगर आयुक्त, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में केस दर्ज करा सकते हैं. इसमें शाखा प्रबंधक को छह माह की सजा एवं 25 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है.
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13 और संस्थानों का बैंक खाता होगा फ्रीज
धनबाद: डी-नोबिली डिगवाडीह के बाद नगर निगम ने 13 अन्य संस्थानों का खाता फ्रीज करने की तैयारी शुरू दी है. गुरुवार को सभी संस्थानों का खाता फ्रीज करने का नोटिस बैंक प्रबंधन को भेजा जायेगा. 13 संस्थानों में आइएसएम पर 1.25 करोड़, उत्थान इंवेस्टमेंट प्रा लि पर डेढ़ लाख रुपया व अन्य 11 संस्थानों पर […]
धनबाद: डी-नोबिली डिगवाडीह के बाद नगर निगम ने 13 अन्य संस्थानों का खाता फ्रीज करने की तैयारी शुरू दी है. गुरुवार को सभी संस्थानों का खाता फ्रीज करने का नोटिस बैंक प्रबंधन को भेजा जायेगा. 13 संस्थानों में आइएसएम पर 1.25 करोड़, उत्थान इंवेस्टमेंट प्रा लि पर डेढ़ लाख रुपया व अन्य 11 संस्थानों पर लाखों रुपया होल्डिंग टैक्स मद में बकाया है.
17 हजार होल्डिंग धारकों पर 50 करोड़ बकाया
17 हजार होल्डिंग धारकों पर निगम का 50 करोड़ रुपया बकाया है. प्रथम चरण में पांच लाख के बकायेदारों का खाता अटैच किया जा रहा है. श्री कुमार के मुताबिक होल्डिंग मद में बकायेदारों को पैसा जमा करने के लिए तीन नोटिस भेजा जा रहा है. इसके बावजूद पैसा जमा नहीं करने पर संबंधित संस्थानों को शो-कॉज करते हुए बैंक प्रबंधक को उनके खाता को फ्रीज करने का नोटिस भेजा जा रहा है. डेढ़ हजार होल्डिंग धारकों पर पांच लाख से अधिक बकाया है.
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