धनबाद: राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) में स्टूडेंट्स की संख्या 5000 का आंकड़ा पार कर गयी है. इस ग्राफ को देखते हुए संस्थान प्रबंधन सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी में जुट गया है. संस्थान को ट्रेनिंग व शोध सुविधाओं के लिहाज से और बेहतर करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है.
संस्थान के चेयरमैन पीके लाहिड़ी ने सोमवार को यह जानकारी दी. वह सोमवार को कैंपस पहुंचे. निदेशक व कुलसचिव के अलावा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की. चेयरमैन ने कहा- फिलहाल संस्थान में चेयर प्रोफेसर के चयन की प्रक्रिया चल रही है. पूरा जोर शिक्षण की गुणवत्ता को और बेहतर करने पर है.
ब्रांडेड कंपनी चलायेगी मेस
आइआइटी कानपुर में कैटरिंग का जिम्मा संभालने वाली कंपनी को आइएसएम में मेस चलाने का जिम्मा सौंपा गया है. टेंडर में कंपनी एल-वन थी. कंपनी की ओर से इसके संचालन के लिए चार-पांच मैनेजर नियुक्त किये गये हैं. छात्रों को इसके लिए 74 रुपये चुकाने पड़ेंगे. पहले 110 रुपये का भुगतान करना पड़ता था. मेस की गुणवत्ता को और बेहतर करने पर जोर दिया गया है.
आयुक्त के पास जमीन का मामला
संस्थान के विस्तारीकरण को लेकर जमीन का मामला आयुक्त के पास है. डीसी की ओर से पूरा ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है. संस्थान को 172 एकड़ जमीन चाहिए, धैया मौजा में जमीन चिह्न्ति की गयी है. जमीन अधिग्रहण होते ही विस्तारीकरण के काम में तेजी लायी जायेगी. अगले साल संस्थान का एक्टिवीटी सेंटर भी छात्रों के लिए खोला जायेगा. नये एकेडमिक कॉम्पलेक्स के निर्माण में तेजी लायी जा रही है.
फाइलें अब नहीं रुकेंगी
कुलसचिव कर्नल (रिटायर) एमके सिंह ने बताया-संस्थान में ऑफिस ऑटोमेशन सिस्टम लागू किया जा रहा है. इससे फाइलों का त्वरित निष्पादन हो सके. कंप्यूटर से यह पता लग सकेगा कि किस फाइल की स्टेट्स क्या है? इसके लिए कर्मियों को ट्रेनिंग दी जायेगी. कैंपस सलेक्शन के सवाल पर निदेशक डीसी पाणिग्रही का कहना था- पब्लिक सेक्टर के नहीं आने के बावजूद कैंपस की स्थिति बेहतर है. कई आइआइटी के मुकाबले इस बार आइएसएम के छात्रों को बेहतर ओपनिंग मिली है. चेयरमैन के दौरे को लेकर इएसओ राहुल कुमार व एएसइओ केके बनर्जी सक्रिय देखे गये.