डिक्की गोलीकांड
धनबाद. बैंक मोड़ पुलिस ने पिस्टल व गोली के साथ पकड़े गये फहीम के भांजा बंटी खान व उसके सहयोगी ऋृतिक खान को शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में धनबाद मंडल कारा भेज दिया गया. बैंक मोड़ थानेदार अशोक कुमार सिंह की शिकायत पर दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. एसआइ महावीर भगत को कांड का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है.
इसके पहले डीएसपी धीरेंद्र नारायण बंका, बैंक मोड़ इंस्पेक्टर मो अलीमुद्दीन व थानेदार अशोक कुमार सिंह ने दोनों से घंटो पूछताछ की. दोनों से पूछताछ में पुलिस को कई जानकारी मिली है जिसका सत्यापन किया जा रहा है. पुलिस ने मुख्य रूप डिक्की गोलीकांड के बारे में पूछताछ की. पुलिस सख्ती के बाद ऋतिक ने स्वीकार किया कि टुन्ना के बेटे व भाइयों ने डिक्की को गोली नहीं मारी थी. बंटी के कहने पर उसने केस दर्ज करवा दिया. बंटी ने कहा था कि पुलिस को फोन कर बोल दो कि डिक्की को गोली मार दी गयी है.
टुन्ना के भाइयों ने गोली मारी है, वे लोग उसे मारना चाहते थे. गोली डिक्की को लग गयी. डिक्की को कहां व किसने गोली मारी यह पता नहीं. वह डिक्की के साथ बाइक से नहीं जा रहा था. पुलिस में बंटी के कहने पर झूठी केस दर्ज करा दिया. बंटी भी पुलिस पूछताछ में डिक्की गोलीकांड के बारे में कोई ठोस जबाव व साक्ष्य नहीं दे सका. डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदार ने डिक्की को थाना बुलाकर पूछताछ की.
डिक्की का कहना है कि उसने टुन्ना के भाई व बेटे को देखा था. गोली लगने के बाद वह बेहोश हो गया था. होश आने पर अपने को हॉस्पीटल में पाया. उसे लगा कि मौके पर मौजूद टुन्ना के भाइयों ने गोली मारी है. डिक्की के बयान में काफी विरोधाभाष है. पुलिस पहले से ही मामले को संदेहास्पद मान रही है.
टुन्ना हत्याकांड में समझौता व गवाही से मुकरने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से डिक्की को गोली मारकर उसके परिजनों को फंसाने की बात सामने आयी है. आरोप है कि डिक्की को तीन लाख रुपये देकर गोली मारी गयी थी. उद्देश्य टुन्ना के परिजनों को फंसाना था. पुलिस मामले में पूछताछ के लिए फिर ऋृतिक को रिमांड करेगी.