धनबाद: न्यू टाउन हॉल धनबाद में गुरुवार को आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में गहमा गहमी रही. इस दौरान जहां झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने पूरे देश में झारखंड में बिजली की दर सबसे कम बताते हुए इसमें बढ़ोतरी करने की बात कही, वहीं बिजली उपभोक्ताओं ने इसे खारिज करते हुए कहा कि पहले सुविधाएं बढ़ायी जाए उसके बाद टैरिफ.
झारखंड उर्जा विकास निगम, झारखंड बिजली संरचन निगम की आेर से आयोजित कार्यक्रम में झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष एनएन तिवारी एवं वित्त सदस्य सुनील वर्मा जनसुनवाई कर रहे थे. ऊर्जा निगम के इंजीनियर इन चीफ सीडी कुमार ने कहा कि जितनी दर पर निगम बिजली खरीदता है उससे भी कम दर पर बेचा जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रुपए 20 पैसे भी प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है. ऐसे कई गांव हैं जहां बिजली के मीटर नहीं लगाये गये हैं. ऐसे में दर नहीं बढ़ी तो नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी. लाइन लॉस अलग है.
निगम की ओर से दिखाये गये प्रेजेंटशन में बताया गया कि टैरिफ बढ़ाने के लिए दो साल से मामला आयोग के पास प्रस्तावित है. यहां टैरिफ बढ़ाने के बाद भी यह देश में सबसे कम होगी. अगले 18 माह में सभी जगहों पर मीटर लग जायेगा.
कार्यक्रम के दौरान डीजीएम आरएन रमण, अधीक्षण अभियंता विनय कुमार, रांची से आये अधीक्षण अभियंता एके सिंह सहित बिजली विभाग के अन्य पदाधिकारी. राजीव शर्मा, अमितेश सहाय समेत दर्जनों उद्यमी मौजूद थे.
समस्या सुनने से इनकार
दिगंत पथ के शैलेंद्र ने जब टैरिफ बढ़ाने का न केवल विरोध किया बल्कि समस्याएं बतानी चाही तो आयोग के अध्यक्ष ने रोक दिया. कहा कि वे यहां समस्याएं सुनने नहीं आये. आज केवल टैरिफ बढ़ना चाहिए या नहीं, इस पर राय जानने आये है. शैलेंद्र ने कहा कि जनता की समस्या नहीं सुनी गयी तो लोग आंदोलन करेंगे. जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि आंदोलन कीजिए लोकतंत्र में कौन रोका है. इसके बाद उन्हें बैठा दिया गया. आयोग ने कहा कि यहां कोर्ट की हेयरिंग हो रही है, ऐसे में इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए. अगर कोई शिकायत है तो लिखित में अपनी बातें तीन दिनों के अंदर दे सकते हैं.
राज्य भर में बिजली की स्थिति खराब : तिवारी
आयोग के अध्यक्ष एनएन तिवारी ने कहा कि दोनों पक्षों की बातें उन्होंने गौर से सुनी. उनका यह इरादा नहीं कि टैरिफ में बढ़ोतरी हो या न हो, लेकिन धनबाद व अन्य जगहों के उपभोक्ताओं की राय जानने के बाद ही वे अपना फैसला देंगे. कहा कि वह रांची में बैठकर ही इस पर निर्णय दे सकते थे. लेकिन वह हर जगह जाकर जनता की राय जानना चाहते हैं. बिजली की स्थिति हर जगह खराब है, जहां भी गये वहां के लोगों ने यही कहा. उपभोक्ताओं के लिए जो ठीक होगा, वही किया जायेगा.