मंत्री ने शिकायतकर्ता को इस मामले में छानबीन कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. मंत्री को बताया गया कि दो बार की गड़बड़ी के बाद तीसरी बार हुई इस निविदा में गलत तरीके से स्वास्तिक इंजीनियरिंग वर्क्स को कार्यादेश माडा ने जारी किया है. उक्त कंपनी को इस काम का पर्याप्त कार्य अनुभव ही नहीं है.
माडा के पूर्व तकनीकी सदस्य प्रमोद कुमार तथा कार्यपालक अभियंता इंद्र शुक्ला ने भी अपने कमेंट में कहा है कि उक्त कंपनी को काम का अनुभव नहीं है. शिकायतकर्ता के अनुसार यह काम नियमत: उनकी कंपनी आदित्य आरव देव कंस्ट्रक्शन को मिलना चाहिए. बावजूद इसके निविदा शर्त का उल्लंघन कर संबंधित निविदा स्वास्तिक इंजीनियरिंग को उपलब्ध करायी गयी है.