14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ढुल्लू को बचाने के लिए कैसे-कैसे खेल

धनबाद : विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की सरकारी कोशिश ने ‘कानून की नजरों में सभी बराबर है’ के बुनियादी सिद्धांत पर सवाल खड़े कर दिये हैं. इस दौरान हुई गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं, जिसे कानून के जानकार गंभीर बताते हैं. श्री महतो के खिलाफ यह मुकदमा वारंटी […]

धनबाद : विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की सरकारी कोशिश ने ‘कानून की नजरों में सभी बराबर है’ के बुनियादी सिद्धांत पर सवाल खड़े कर दिये हैं. इस दौरान हुई गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं, जिसे कानून के जानकार गंभीर बताते हैं.
श्री महतो के खिलाफ यह मुकदमा वारंटी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से भगाने, पुलिस पर हमला करने, वरदी फाड़ने और सरकारी काम में बाधा डालने से संबंधित है. पुलिस ने इस संबंध में कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर दिया है. मामले में न्यायालय में ट्रायल चल रहा है. कई गवाही हो चुकी है.
क्या है कानूनी प्रावधान : सीआरपीसी की धारा 321 में मुकदमा वापसी का प्रावधान है. लेकिन यह स्पष्ट प्रावधान है कि केस से संबंधित पीपी /एपीपी इंचार्ज ही केस वापसी से संबंधित अपना मंतव्य देंगे.
हुआ क्षेत्रधिकार का उल्लंघन
कतरास थाना केस संख्या 120/2013 की मुकदमा वापसी के लिए मंतव्य इंचार्ज पीपी अनिल कुमार सिंह ने दिया है, जो कतरास कांड संख्या 120/2013 के एपीपी नहीं है. 120/2013 में 20 जुलाई, 2015 तक राजकुमार सिंह एपीपी थे. 21 जुलाई, 2015 से सोनी कुमारी एपीपी के रूप में कार्यरत थीं.
उपरोक्त दोनों एपीपी में से किसी ने भी मुकदमा वापसी के पक्ष में अपना मंतव्य नहीं दिया. कानून के जानकारों का दावा है कि एपीपी अनिल कुमार सिंह ने क्षेत्रधिकार से बाहर जाकर कानूनी प्रावधान का उल्लंघन करते हुए अपना मंतव्य दिया है. यह जांच का विषय है कि राजकुमार सिंह या सोनी कुमारी से बिना मंतव्य प्राप्त किये उन्होंने अपना मंतव्य कैसे दे दिया?
पदभार ग्रहण करने के पूर्व मंतव्य
ढुल्लू के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के पक्ष में एपीपी अनिल कुमार सिंह ने 13 जुलाई, 2015 को अपना लिखित मंतव्य उपायुक्त को दिया. जबकि 23 जुलाई के अपराह्न तक डीएम त्रिपाठी पीपी के रूप में कार्यरत थे. अनिल कुमार सिंह ने 23 जुलाई को दोपहर में पीपी का पदभार ग्रहण किया. ऐसी परिस्थिति में पदभार ग्रहण करने से 10 दिन पूर्व के डेट में उनका मंतव्य देना उन्हें संदेह के कटघरे में खड़ा करता है.
मुकदमा वापसी को न्यायहित और लोकहित के विपरीत बताया था
दिनांक 23-09-14 को प्रभारी लोक अभियोजक धनबाद डीएम त्रिपाठी ने पीपी की हैसियत से कतरास थाना कांड संख्या 120/13 में अपना मंतव्य देते हुए मुकदमे की वापसी को न्यायहित एवं लोकहित के विपरीत बताया था. समझा जाता है कि एपीपी की रिपोर्ट से क्षुब्ध होकर श्री त्रिपाठी का तबादला बोकारो कर दिया गया.
उनके स्थान पर अनिल कुमार सिंह नंबर 2 को एपीपी धनबाद में अगले आदेश तक पदस्थापित किया गया. यह भी गौरतलब है कि श्री त्रिपाठी के ट्रांसफर तथा अनिल कुमार सिंह को बतौर एपीपी के रूप में प्रभार देने की अधिसूचना सरकार के गृह विभाग के उप सचिव अरविंद कुमार द्वारा 27-06-15 को जारी की गयी है. जबकि सचिवालय में शनिवार-रविवार को कार्यालय पूर्णत: बंद रहता है. देश में कोई आपातकाल की स्थिति भी नहीं थी कि शनिवार को एक पीपी का ट्रांसफर तथा दूसरे को प्रभार देना जरूरी हो गया.
विधायक ढुल्लू महतो के केस में मुकदमा वापसी के लिए जहां पत्रंक 3639 के तहत अनिल कुमार सिंह को एपीपी का चार्ज दिया गया, वहीं पत्रंक 3640 के तहत उन्हें विशेष रूप से मुकदमा वापसी के लिए मुक्त करते हुए दूसरे अनिल कुमार दास को धनबाद में निगरानी वाद के अभियोग संचालन के लिए एपीपी पद पर कार्य करने की अधिसूचना जारी कर दी गयी.
वर्तमान में 120/13 का केस न्यायिक दंडाधिकारी बिनोद कुमार के यहां ट्रायल चल रहा है. जिसमें एपीपी की हैसियत से सोनी कुमारी कार्यरत हैं. 20-07-15 के पूर्व यह मुकदमा एसडीजेएम धनबाद के यहां ट्रायल में था, जिसमें एपीपी राजकुमार सिंह थे. लेकिन अनिल कुमार सिंह ने उन्हें दरकिनार कर दिया.
धनबाद के प्रभारी लोक अभियोजक ने दिया था मंतव्य
मुकदमे को वापस करना न्यायहित व लोकहित में उचित नहीं
23 सितंबर, 2014 को धनबाद के प्रभारी लोक अभियोजक डीएम त्रिपाठी ने पीपी की हैसियत से कतरास थाना कांड संख्या 120/13 में अपना मंतव्य देते हुए मुकदमे की वापसी को न्यायहित एवं लोकहित के विपरीत बताया था.
उपायुक्त को भेजे गये तीन पन्‍नों के अपने मंतव्य के आठवें प्वाइंट में श्री त्रिपाठी ने कहा है कि ‘‘मुकदमे की वापसी होने की स्थिति में समाज पर एक ऐसे विधायक के तौर पर छवि उभरकर सामने आयेगी,
जो कानून तोड़ कर भी कानून की गिरफ्त से बाहर है और वह सरकार के विरूद्ध कोई भी न्याय विरोधी कार्य कर सकता है. उपरोक्त बातों पर विचार करते हुए मेरा मंतव्य है कि विधि का शासन कायम करने हेतु इस मुकदमें को वापस करना न्यायहित व लोकहित में उचित नहीं है.’’
ढुल्लू का मुकदमा वापस लेने के खिलाफ याचिका
रांची. राज्य सरकार द्वारा बाघमारा के भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमा को वापस लेने की प्रक्रिया को झारखंड हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गयी है.
प्रार्थी अदालत देशवाली की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि बाघमारा थाना कांड संख्या 121/2013 के तहत दर्ज प्राथमिकी में विधायक ढुल्लू महतो व अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था. ढुल्लू महतो ने पुलिस हिरासत से कांड संख्या 21/2013 के आरोपी राजेश गुप्ता को जबरन छुड़ा कर ले जाने का आरोप है. इस मामले का ट्रायल निचली अदालत में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों व विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों के स्पीडी ट्रायल का आदेश दिया है. इसका अनुश्रवण करने के लिए जिला स्तर पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति भी बनायी गयी है. प्रार्थी ने इस संबंध में सरकार को उचित आदेश देने का आग्रह किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें