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तोपचांची पुलिस हमलाकांड: अदालत ने सुनाया फैसला, जुर्माना भी लगाया, संजय और पवन को 10-10 साल कैद
धनबाद: तोपचांची पुलिस पर जानलेवा हमले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम डीके पाठक की अदालत ने जेल में बंद आरोपी संजय सिंह व पवन सिंह को भादवि की धारा 307 में दस वर्ष कैद और दस हजार रुपये जुर्माना, 353 में दो वर्ष कैद व आर्म्स एक्ट की धारा 27 में […]
धनबाद: तोपचांची पुलिस पर जानलेवा हमले में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अष्टम डीके पाठक की अदालत ने जेल में बंद आरोपी संजय सिंह व पवन सिंह को भादवि की धारा 307 में दस वर्ष कैद और दस हजार रुपये जुर्माना, 353 में दो वर्ष कैद व आर्म्स एक्ट की धारा 27 में तीन वर्ष कैद व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. सुनवाई के वक्त पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपियों को अदालत में उपस्थापन कराया. इस केस में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक कंसारी मंडल भी मौजूद थे.
क्या है मामला : 12 अक्तूबर 94 को दुर्गा पूजा की अष्टमी की रात स्टील गेट के समीप झामुमो नेता व पूजा समिति के सचिव मनींद्रनाथ मंडल को गोली मार दी गयी थी. भागते वक्त अपराधियों को तोपचांची थाना के सामने रोकने की कोशिश की गयी. अपराधी फायरिंग कर जिप्सी छोड़ भाग गये. पुलिस ने भी आत्मरक्षार्थ हवाई फायरिंग की थी और घटनास्थल से राजीव रंजन सिंह, संजय सिंह,जयनेंद्र सिंह व पवन सिंह को गिरफ्तार किया था. साथ ही जिप्सी से दो पिस्टल व गोली बरामद की थी. केस के आइओ उदय प्रसाद सिंह ने 31 दिसंबर 94 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया. अदालत ने 15 जनवरी 10 को राजीव रंजन को छोड़ शेष तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया था. केस विचारण के दौरान एपीपी श्री मंडल ने आठ गवाहों का परीक्षण कराया. विदित हो कि मनींद्रनाथ मंडल की हत्या के मामले में पवन सिंह सजायाफ्ता है. फिलवक्त वह अपने अन्य सहयोगी के साथ जेल में बंद है.
बेसिल के एमडी की जमानत पर सुनवाई
बेसिल चिटफंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर जेल में बंद विवेक अग्रवाल की ओर से दायर नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जया कुमार ने बहस की. अदालत ने पुलिस से केस डायरी की मांग की. आरोपी 6 मई 15 से जेल में बंद है. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 31 जुलाई 15 तय की है.
दुष्कर्म के प्रयास मामले में दी गवाही
एक महिला के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले की सुनवाई मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी के अधिवक्ता हाजिर थे. अभियोजन की ओर से एपीपी ने साक्षी श्यामसुंदर गोस्वामी की गवाही करायी. साक्षी ने बताया कि घटना 10 फरवरी 07 की है. जब मैं अपनी बहन को छोड़ कर वापस आया तब आरोपी अपनी शर्ट का बटन लगाकर भागने लगा. पीड़िता रो रही थी. आरोपी ने कहा तुम मुङो अपना स्वामी समझो. अकेली विधवा की जिंदगी कब तक रहोगी और गरदन पकड़ कर जमीन पर पटक दिया. मामला जीआर केस नंबर 845/07 से संबंधित है.
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