प्लांट लगाया जा सकता है. अगले सप्ताह इंफ्रा की सर्वे टीम आयेगी. ठोस कचरा प्रबंधन के लिए रोड मैप तैयार करेगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी. इंफ्रा एमडी के साथ मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह, नगर आयुक्त विनोद शंकर सिंह, डिप्टी नगर आयुक्त सिद्धार्थ शंकर चौधरी भी गये थे.
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कचरा डिस्पोजल प्लांट को जमीन का मुआयना
धनबाद/पुटकी: सियालगुदरी (पुटकी) में बीसीसीएल की 38 एकड़ जमीन पर ‘कचरा डिस्पोजल प्लांट’ लगाने की कवायद शुरू हो गयी है. झारखंड इंफॉरमेंशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जिंफ्रा) के एमडी शशि शंकर ने गुरुवार को स्पॉट की जांच की. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्पॉट ठीक-ठाक है. प्लांट लगाया जा सकता है. अगले सप्ताह इंफ्रा […]
धनबाद/पुटकी: सियालगुदरी (पुटकी) में बीसीसीएल की 38 एकड़ जमीन पर ‘कचरा डिस्पोजल प्लांट’ लगाने की कवायद शुरू हो गयी है. झारखंड इंफॉरमेंशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जिंफ्रा) के एमडी शशि शंकर ने गुरुवार को स्पॉट की जांच की. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि स्पॉट ठीक-ठाक है.
कचरा से तैयार होगी बिजली
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कचरा से यहां बिजली तैयार की जायेगी. शहर से एकत्रित कचरा यहां डंप होगा. बॉयो वेस्ट व ठोस अवशिष्ट कचरा को विभाजित करने के लिए अलग से प्लांट लगाया जायेगा. ठोस कचरा अवशिष्ट से बिजली उत्पादन किया जायेगा. प्रथम चरण में पांच एवीए मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है.
जमीन को लेकर है विवाद
बीसीसीएल की यह जमीन विवादित रही है. पिछले साल बीसीसीएल ने नगर निगम को एनओसी दिया. इसके बाद कचरा डंप करने पहुंची गाड़ी को ग्रामीणों ने रोका था. कई बार विवाद भी हुआ. स्थानीय रैयत राम कुमार सिंह चौधरी का कहना है कि अंगरेजों के जमाने में बर्ड एंड हेल्जर नामक कंपनी को पूर्वजों ने यह जमीन दी थी. बाद में बीसीसीएल ने जमीन का अधिग्रहण किया. श्री चौधरी के अनुसार कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत अगर अधिग्रहीत जमीन पर कंपनी तीस वर्षो तक कोई गतिविधि या कार्य नहीं करती है तो पुन: जमीन का मालिकाना हक रैयत का होता है. शहर का कचरा गांव में कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा. जन आंदोलन करेंगे. जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जायेगा.
55 करोड़ की लागत से ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम एक कदम आगे बढ़ा है. जिंफ्रा के एमडी ने यहां प्लांट लगाने के संकेत दिये हैं. जिंफ्रा की सर्वे टीम रोड मैप तैयार कर निगम को देगी. इसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. प्लांट लगने से कचरा डिस्पोजल की समस्या नहीं रहेगी. ए-टू-जेड का जो मामला है, उसका मिल बैठ कर निपटारा कर लिया जायेगा.
चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर
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