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कॉरपोरेट सेक्टर की जॉब छोड़ खोला रेस्तरां

धनबाद: दिल्ली और मुंबई में कॉरपोरेट सेक्टर की अच्छी-खासी नौकरी छोड़ 25 वर्षीय दो चचेरे भाई ने सरायढेला कोला कुसुमा में रेस्तरां शुरू किया है. इरादा पूरे झारखंड में छा जाने का है. दोनों को इस सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है कि वे घर पर समय दे सकेंगे और लोगों को अच्छा खाना […]

धनबाद: दिल्ली और मुंबई में कॉरपोरेट सेक्टर की अच्छी-खासी नौकरी छोड़ 25 वर्षीय दो चचेरे भाई ने सरायढेला कोला कुसुमा में रेस्तरां शुरू किया है. इरादा पूरे झारखंड में छा जाने का है. दोनों को इस सबसे ज्यादा इस बात की खुशी है कि वे घर पर समय दे सकेंगे और लोगों को अच्छा खाना खिलायेंगे, जिससे उन्हें संतुष्टि मिलती है.
अपना शहर खींच लाया
अरनव ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, धनबाद से प्लस टू तक की पढ़ाई की. फिर सिंबायोसिस पुणो से बीबीए और एलएलबी किया. दिल्ली हाइकोर्ट में एक साल से ज्यादा समय तक प्रैक्टिस करने के बाद दिल्ली में टाटा एआइजी कंपनी में लीगल एग्जिक्यूटिव के पद पर ज्वाइन किया. प्रतिवर्ष 7.5 लाख रुपया का पैकेज था. सभी कुछ ठीक ठाक था. लेकिन धनबाद के लोग व घर वालों के दूरी अच्छी नहीं लग रही थी. घर में किसी भी प्रकार की परेशानी होने के बाद वहां से आ पाना मुश्किल था और छुट्टी की भी परेशानी थी. इस लिए अपने शहर में रेस्तरां खोलने की इच्छा हुई. अरनव के चचेरे भाई अरघव बनर्जी ने पुरुलिया में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. तत्पश्चात इंदिरा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडी (नयी दिल्ली) से एमबीए किया. मुंबई एक्सएल डायनेमिक कंपनी में फाइनेंसियल एनालक्ष्सिस्ट के पद पर नौकरी मिली. प्रारंभिक दौर में चार लाख का पैकेज था, जो अच्छे काम को देखते हुए एक साल के अंदर ही नौ लाख का हो गया. अरघव ने बताया कि उसे नौकरी पसंद नहीं थी. कुछ अलग करने की चाहत ने ही भाई के साथ जोड़ दिया और दोनों भाई ने मिल कर रेस्तरां खोला.
चेन्नई से ली ट्रेनिंग
अरनव व अरघव ने बताया कि दोनों को नये-नये तरह के व्यंजन खाने और खिलाने का शौक है. उन्हें धनबाद के लोगों का टेस्ट भी पता है. रेस्तरां खोलने के पहले उन्होंने पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया. कई तरह से जांचने परखने के बाद रेस्तरां खोलने का स्थान तय हुआ. लेकिन इससे पहले ट्रेनिंग लेने की सोची. चेन्नई की नामी कंपनी से फ्रेंचाइजी लिया. ट्रेनिंग के लिए अरनव, अरघव के साथ छह कर्मचारी चेन्नई ले गये. लगभग एक माह तक रेस्तरां में बनने वाले विभिन्न प्रकार के व्यंजन की पूरी तरह से ट्रेनिंग ली और उसके बाद धनबाद आकर अपना रेस्तरां खोला. दोनों ही किचन व पूरा रेस्तरां संभालते है.
झारखंड में छाने की तमन्ना
दोनों बताते है कि इस रेस्तरां व्यवसाय में अच्छी कमाई की पूरी संभावना है. साथ ही अपने परिवार को पूरा समय दे पाऊंगा. जिस कंपनी से रेस्तरां का फ्रेंचाइजी लिया हूं उसे पूरे झारखंड में फैलाना है. रेस्तरां में मेरी कंपनी का नाम पूरा झारखंड जानेगा और खाने की तारीफ भी करेगा. हमारे यहां सस्ता में बहुत अच्छा आइटम मिल सकता है. चिकन, पनीर, पराठा के कई तरह के आइटम बनाये जाते हैं जो कि पूरे झारखंड में नहीं मिलेगा.

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