ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि पिछले दिनों आंदोलन के दौरान समझौता के बावजूद वादाखिलाफी की गयी. 26 कर्मियों का स्थानांतरण कर दिया गया. कई कर्मियों की निजी संचिका गायब है, जिसके कारण उनके बकाये व कटौती का भुगतान नहीं हुआ है.
बाहर से आये पदाधिकारियों व कर्मियों का षष्टम वेतन सहित नियमित वेतन का भुगतान भी हो रहा है. माडा के कर्मियों के समक्ष वेतन के अभाव में भुखमरी की स्थिति है. इस मामले में अगर प्रबंधन ़इन मामलों में शीघ्र कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो संघ आंदोलन को विवश होगा.