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दुर्घटना से मौत मामले में सजा बरकरार

धनबाद: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत ने धनबाद निवासी सपना हलधर की ओर से दायर क्रिमिनल अपील अर्जी पर सुनवाई पूरी करते हुए दो साल की सजा सुनाई. अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए सजायाफ्ता को निचली अदालत में आत्म समर्पण करने का आदेश दिया. यह मामला […]

धनबाद: प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत ने धनबाद निवासी सपना हलधर की ओर से दायर क्रिमिनल अपील अर्जी पर सुनवाई पूरी करते हुए दो साल की सजा सुनाई. अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए सजायाफ्ता को निचली अदालत में आत्म समर्पण करने का आदेश दिया. यह मामला क्रिमिनल 200/12 से संबंधित है.

19 मई 12 को न्यायिक दंडाधिकारी एसके वर्मा की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी सपना हलधर को भादवि की धारा 279,338 व 304(ए) में दोषी पाकर दो वर्ष की सजा सुनायी थी. सजायाफ्ता ने उक्त फैसले को सेशन न्यायालय में चुनौती दी थी. सुनवाई के वक्त सूचक के निजी अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा भी मौजूद थे.

क्या है मामला : 17 फरवरी06 को राकेश पाल व विपिन बिहारी पाल साइकिल पर सवार होकर ट्यूशन पढ़ने जा रहे थे. तभी सपना हलधर ने अपनी कार संख्या जेएच 10 बी-8686 से साइकिल को धक्का मार दिया. विपिन बिहारी पाल की मौत हो गयी. घटना के बाद राकेश पाल के फर्द बयान पर धनबाद थाना में कांड संख्या 121/06 दर्ज कराया.
चेक बाउंस में छह माह की सजा
न्यायिक दंडाधिकारी विमल जॉनसन करकेट्टा की अदालत ने शनिवार को चेक बाउंस के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए पुटकी निवासी आरोपी सोमनाथ चक्रवर्ती को एनआइ एक्ट की धारा 138 में दोषी पाकर छह माह की कैद व 61 हजार रुपये मुआवजा की सजा सुनाई. विदित हो कि शिकायतकर्ता रमेश सिंह चौधरी ने 9 अप्रैल 13 को अरोपी के खिलाफ अदालत में सीपी केस नंबर 883/13 दर्ज कराया था. उसने शिकायतवाद में कहा है कि 51 हजार रुपये का चेक आरोपी ने दिया था, जो बैंक में बाउंस हो गया.

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