धनबाद: सड़क जाम कर सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में जेल में बंद जेवीएम नेता मन्नु तिवारी को बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश्वर मणि की अदालत ने जमानत दे दी. वह जेल से बाहर निकल गये. आरोपी को इस केस में 26 अप्रैल को रिमांड किया गया था.
पांच नवंबर 12 को एक सड़क दुर्घटना छोटे कुंवर की मौत के बाद परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर विधायक अरूप चटर्जी व मन्नु तिवारी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एनएच-2 चिरकुंडा को घंटों जाम रखा था. मैथन के तत्कालीन थानेदार संतोष कुमार गुप्ता ने विधायक अरूप चटर्जी,मन्नु तिवारी,अनिता गोराई सहित 16 को नामजद व 150 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.बचाव पक्ष से चंचल बनर्जी ने पैरवी की. इसी केस में सीजेएम ने अरूप,मन्नु व अनिता को छोड़ शेष आरोपियों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया.
यह मामला चिरकुंडा (मैथन) थाना कांड संख्या-263/12 से संबंधित है. सड़क जाम के एक दूसरे मामले में न्यायिक दंडाधिकारी संतोष कुमार ने चार मई को निरसा थाना कांड संख्या -78/13 में आरोपी मन्नु तिवारी को जमानत दी थी. निरसा संवाददाता के अनुसार जेल से रिहा होने पर समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया. समर्थकों ने आतिशबाजी की और रंग-गुलाल उड़ा मिठाई भी बांटी. जुलूस में अमर लोहार, मधुरेंद्र गोस्वामी, फारूख गलेरिया, साधना सिंह, विजय यादव शामिल थे.
जदयू नेता को जमानत : सरकारी कर्मचारी के साथ कार्यालय में जाकर मारपीट व सरकारी कागजात को फाड़ने के मामले में जेल में बंद जदयू नेता उमेश गोस्वामी को बुधवार को सीजेएम एसके पांडेय की अदालत ने जमानत दे दी. यह मामला चिरकुंडा (मैथन) थाना कांड संख्या-88/13 से संबंधित है.