इस बार मेयर का पद यहां ओबीसी अन्य (महिला, पुरुष) के लिए आरक्षित होने के कारण पिछले चुनाव में उतरने वाली कई महिला नेत्री दावा नहीं कर पायी. 2010 के चुनाव में वर्तमान मेयर इंदु देवी सिंह मैंशन की ओर से चुनाव मैदान में उतरी थी. भाजपा का एक खेमा भी उनके पक्ष में लगा था. इस बार उनकी बहू यहां से चुनाव लड़ना चाहती थी. लेकिन वह भी न हो सका. पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रीता वर्मा, जो लगातार चार बार धनबाद की सांसद भी रहीं, ने पिछले चुनाव में मेयर के लिए दावा ठोंक कर मुकाबला को गंभीर बना दिया था.
धनबाद में मेयर के पहले चुनाव में प्रसिद्ध महिला चिकित्सक डा. शिवानी झा भी उतरीं. डा. झा दूसरे स्थान पर रह कर यहां की राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहीं. मेयर पद के लिए पिछली बार शहर की एक और प्रसिद्ध प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. उर्मिला सिन्हा भी कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ी. कांग्रेस की शाहिदा कमर भी पिछले चुनाव में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी थी. इस बार इन महिला प्रत्याशियों की कमी खलेगी. केवल पूर्व मंत्री आबो देवी ही इस बार मेयर के लिए नामांकन करने वाली एकमात्र महिला प्रत्याशी है.