धनबादः वित्तीय संकट से उबरने के लिए केंद्र सरकार गरीबों और आम लोगों से सब्सिडी छीन रही है. सामाजिक सुरक्षा पर हमला कर रही है. वहीं दूसरी ओर देश के पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों को पांच लाख 73 हजार करोड़ का इंसेंटिव दे रही है. यह बात लोकसभा में सीपीएम के नेता सांसद वासुदेव आचार्य ने रविवार को यहां कही. वह ट्रेड यूनियन अधिकार एवं जनतंत्र पर हमले के खिलाफ मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति की ओर से पीएमसीएच सभागार में आयोजित कन्वेंशन में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे. उन्होंने कहा महंगाई लगातार बढ़ रही है. तेल का दाम बड़ा दिया गया. रोज रुपया गिर रहा है. आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है. सरकार की नीतियों के खिलाफ 1991 से अब तक 14 बार हड़ताल करनी पड़ी है. 20-21 फरवरी को हुई ऐतिहासिक हड़ताल के बाद पीएम ने यूनियनों की मांगों पर सोचना शुरू किया है. सरकार ने पहले कोल इंडिया में दस फीसदी विनिवेश कर दिया है. फिर करना चाहती है. लेकिन इस बार विनिवेश नहीं करने देंगे. तीन दिनों की हड़ताल का नोटिस दे दिया गया है. अगर सरकार नहीं मानी तो कोयला उद्योग में ऐतिहासिक हड़ताल होगी. सांसद आचार्य ने कहा सभी केंद्रीय यूनियनों ने पांच सूत्री मांग के खिलाफ सभी राज्य की राजधानियों में 12 सितंबर को प्रदर्शन और 25 दिसंबर को संसद पर व्यापक प्रदर्शन करने का घोषणा की है. अन्य वक्ताओं ने कहा कि देश में जारी नव उदारवादी पूंजीवादी व्यवस्था के कारण मजदूरों, किसानों, छात्रों , महिलाओं, दलितों का ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकार खतरे मे पड़ गया है. बंगाल मे शासक दल की मिलीभगत से मजदूरों, छात्रों,महिलाओं पर हिंसात्मक हमलों का दौर लगातार जारी है. विरोधी दल एवं श्रम संगठनों के नेताओं की हत्या की जा रही है. वक्ताओं ने 12 सितंबर को रांची में प्रस्तावित प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया. वक्ताओं मे असीम हलधर,पीयूष राय, हेमंत मिश्र और प्रभु लाल शामिल हैं.
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छीनी जा रही गरीबों की सब्सिडी
धनबादः वित्तीय संकट से उबरने के लिए केंद्र सरकार गरीबों और आम लोगों से सब्सिडी छीन रही है. सामाजिक सुरक्षा पर हमला कर रही है. वहीं दूसरी ओर देश के पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों को पांच लाख 73 हजार करोड़ का इंसेंटिव दे रही है. यह बात लोकसभा में सीपीएम के नेता सांसद वासुदेव आचार्य […]
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