लेकिन एमसीआइ ने निरीक्षण के बाद पचास सीट बढ़ाने के निर्णय पर रोक लगा दी. हाइकोर्ट के आदेश पर केवल एक बैच में ही एक सौ छात्रों की पढ़ाई के लिए अनुमति मिली. इस बार एमसीआइ ने एमबीबीएस में 50 सीटों के लिए सशर्त मान्यता दी है. रांची उच्च न्यायालय के आदेश पर जून 2015 तक के लिए पीएमसीएच की मान्यता सुरक्षित है.
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पीएमसीएच की मान्यता बचा लीजिए मंत्रीजी!
धनबाद: पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज की मान्यता खतरे में है. जून 2015 तक प्रोफेसर एवं प्राध्यापकों के रिक्त पद नहीं भरे गये तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) पीएमसीएच की मान्यता रद्द कर सकती है. रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण करने वाले हैं. धनबाद को अपेक्षा है […]
धनबाद: पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज की मान्यता खतरे में है. जून 2015 तक प्रोफेसर एवं प्राध्यापकों के रिक्त पद नहीं भरे गये तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) पीएमसीएच की मान्यता रद्द कर सकती है. रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का निरीक्षण करने वाले हैं. धनबाद को अपेक्षा है कि वह कॉलेज की मान्यता बचाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे.
क्या है स्थिति : उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के एकमात्र मेडिकल कॉलेज की मान्यता हमेशा खतरे में ही लटकी रहती है. पहले संसाधन (अस्पताल भवन, उपस्कर) के कारण. अब शिक्षकों की कमी के कारण. पीएमसीएच में एमबीबीएस में राज्य सरकार ने सीटों की संख्या 50 से बढ़ा कर एक सौ कर दी थी.
लेकिन जो हालात हैं उसमें जून तक एमसीआइ की शर्ते पूरी होनी मुश्किल है. मेडिकल कॉलेज में कुल बीस विभाग चल रहे हैं. इसमें से दो विभाग मनोविज्ञान एवं रेडियोलॉजी, कोई टीचर या डॉक्टर नहीं रहने के कारण कई वर्षो से बंद है. इसके अलावा आठ विभाग में प्रोफेसर नहीं है. चार विभाग के प्रोफेसर इसी वर्ष रिटायर हो रहे हैं. सजर्री, स्त्री एवं प्रसूति रोग जैसे विभाग में सहायक प्राध्यापक विभाग का काम चल रहा है. एमसीआइ के नियम के तहत कोई प्रोफेसर ही विभागाध्यक्ष बन सकता है. प्रोफेसर की कमी के कारण यहां पीजी की पढ़ाई शुरू करने के लिए अनुमति नहीं मिल पा रही है.
मंत्री आज करेंगे सेंट्रल इमरजेंसी का उद्घाटन
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी रविवार को पीएमसीएच का निरीक्षण करेंगे. वह अस्पताल के ओपीडी में सेंट्रल इमरजेंसी का उद्घाटन करेंगे. मंत्री के दौरे को देखते हुए संडे को छुट्टी रहने के बावजूद अस्पताल का ओपीडी एवं मेडिकल कॉलेज खुला रहेगा. शनिवार को मंत्री के दौरे को ले कर तैयारी चल रही थी. रंग-रोगन व साफ-सफाई का काम चल रहा था.
नर्सिग स्टाफ की कमी
मेडिकल कॉलेज में नर्सिग स्टाफ की भी भारी कमी है. पांच सौ बेड के अस्पताल में पचास नर्स भी नहीं है. जबकि यहां नर्सिग स्टाफ के लगभग ढाई सौ स्टाफ के पद स्वीकृत हैं. तकनीकी कर्मियों की कमी के कारण सिटी स्कैन सहित कई महत्वपूर्ण जांच नहीं हो पा रही है. पीएमसीएच इमरजेंसी में कक्षपाल व चतुर्थ वर्गीय कर्मी ड्रेसिंग करते हैं. एक-एक नर्स के जिम्मे तीन-तीन वार्ड के मरीज होते हैं. इसी तरह दो-तीन वार्ड पर एक कक्ष सेवक को लगाया जाता है.
एसएसएलएनटी अस्पताल : नाम का ओपीडी
कभी स्त्री एवं प्रसूति रोग के लिए प्रसिद्ध एसएसएलएनटी महिला अस्पताल में नाम के लिए ओपीडी सेवा सुबह दस बजे से लेकर अपराह्न तीन बजे तक चलता है. लेकिन यहां सिर दर्द, बुखार तक की दवा नहीं है. जबकि हाइकोर्ट ने इस अस्पताल को पूर्ण रुपेण चलाने का आदेश दे रखा है.
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