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सिंगापुर की नौकरी छोड़ यूपीपीएससी में पायी सफलता

धनबाद: कोयलांचल की बिटिया अमृता सिन्हा ने उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन में सफलता पायी है. 28 मार्च 2015 को कंपीटीशन का रिजल्ट आया. रैंक के आधार पर अमृता को डिस्ट्रिक्ट असिस्टेंट कमिश्नर एंड रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव का पोस्ट मिला है. 2013 बैच की है कैडर: अमृता सिन्हा 2013 बैच की कैडर हैं. जून 2013 में […]

धनबाद: कोयलांचल की बिटिया अमृता सिन्हा ने उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन में सफलता पायी है. 28 मार्च 2015 को कंपीटीशन का रिजल्ट आया. रैंक के आधार पर अमृता को डिस्ट्रिक्ट असिस्टेंट कमिश्नर एंड रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव का पोस्ट मिला है.
2013 बैच की है कैडर: अमृता सिन्हा 2013 बैच की कैडर हैं. जून 2013 में प्रारंभिक परीक्षा, मई 2014 में मुख्य परीक्षा और 27 फरवरी 2015 को इलाहाबाद लोक सेवा आयोग ऑफिस में साक्षात्कार हुआ था. 28 मार्च को मोबाइल पर आयोग से एसएमएस आया जिसमें साक्षात्कार में चयन होने के लिए बधाई दी गयी थी. अमृता खुशी से चहकते हुए कहती हैं मैने सबसे पहले यह खुश खबरी अपने पैरेंट्स को दी.
परिवार को मानती हैं आदर्श: अमृता अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, फ्रेंड्स को देती हैं. कहती हैं किसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन के साथ ब्लेसिंग की जरूरत होती है. मेरा परिवार मेरा आदर्श है. जीवन में आगे बढ़ने का जज्बा अपनी बड़ी बहनों से सीखा तो हार न मानने की सोच अपने पैरेंट्स से. मेरे दोनों भाइयों ने भी हमेशा सकारात्मक सोच रखने का जज्बा दिया. 28 मार्च को जब मुङो इलाहाबाद लोक सेवा आयोग से मैसेज मिला उस क्षण की खुशी को शब्दों में बता पाना मेरे लिए असंभव है. अमृता ने दिल्ली पब्लिक स्कूल धनबाद से टेंथ, प्लस टू किया है.

उसके बाद विशेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से बी टेक किया है. अमृता पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर पर है. बड़ी बहन सुनीता सिन्हा डेंटिस्ट है. मंझली बहन विनीता सिन्हा मुंबई कस्टम में सहायक आयुक्त हैं. विनीता ने 2010 में यूपीएससी कंपीट किया था. भाई अविनाश सिन्हा ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है. छोटा भाई आकाश सिन्हा पीजी कॉलेज कोलकाता में मेडिकल फाइनल ईयर का स्टूडेंट है. पिता ओपी सिन्हा बीसीसीएल में सीनियर फिनांस ऑफिसर थे. छह साल पहले रिटायर हुए हैं. मां मंजू सिन्हा बीसीसीएल में इडीपी सेक्शन कोयला भवन में थी. सितंबर 2014 में रिटायर हुईं हैं. अमृता की सफलता से पूरा परिवार गौरवांवित है. अमृता का परिवार न्यू मुरली नगर सरायढेला में रहता है.

इंजीनियरिंग का जॉब छोड़ कमीशन में आयी
अमृता इंजीनियरिंग का जॉब छोड़ कर पब्लिक सर्विस कमीशन में आयी. अमृता ने विशेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी बंगलुरु से सॉफ्ट वेयर इंजीनियरिंग की है. पढा़ई करते समय ही कैंपस सेलेक्शन के तहत डेल सर्विसेज ज्वाइन किया. दो साल वहां जॉब करने के बाद कंपनी ने सिंगापुर भेजा. सिंगापुर में यूबीएस बैंक में दो साल काम किया. फिर अचानक पब्लिक सर्विस कमीशन में जाने का मन बनाया और जॉब छोड़ दिया. 2011 में जॉब छोड़ कर अपनी बहन विनीता सिन्हा (सहायक आयुक्त, कस्टम, मुंबई) के पास आ गयी. अपने को पूरी तरह कंपीटीशन की तैयारी में झोंक दिया. बहन से प्रेरणा पाकर कमीशन में आने का मन बनाया.

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