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इइ (जलापूर्ति) का प्रभार छीना गया टीएम से

धनबाद: बाजार फीस को लेकर सोमवार को माडा मुख्यालय में एमडी डा रविंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में टीएम प्रमोद कुमार की अनुपस्थिति पर नाराज हो कर एमडी ने उनसे कार्यपालक अभियंता (जलापूर्ति) का प्रभार वापस ले लिया है. इससे पहले दायित्व में कोताही को लेकर उन्हें टीएम पद से हटाने की मांग […]

धनबाद: बाजार फीस को लेकर सोमवार को माडा मुख्यालय में एमडी डा रविंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में टीएम प्रमोद कुमार की अनुपस्थिति पर नाराज हो कर एमडी ने उनसे कार्यपालक अभियंता (जलापूर्ति) का प्रभार वापस ले लिया है. इससे पहले दायित्व में कोताही को लेकर उन्हें टीएम पद से हटाने की मांग एमडी पहले ही सरकार से कर चुके हैं.
एमडी डा. सिंह ने बताया कि टीएम प्रमोद कुमार संस्थान के महत्वपूर्ण विभाग के दायित्व से जुड़े हैं. उनकी कोताही के कारण विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जलापूर्ति माडा की आय का मुख्य स्नेत है. जलापूर्ति के लिए हुई निविदा तीन मार्च को ही खुलनी थी, जबकि 16 मार्च हो चुका है और टेंडर अब तक नहीं खुल पाया है. बाजार फीस एक ऐसा मामला है जिससे संस्थान को सलाना 150 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी. यह मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत अंतिम दौर में है. हाई कोर्ट में केस लड़ने के लिए कर्मियों से सहमति बनाने जैसे मुद्दे पर सोमवार को हुई बैठक में संबंधित विभाग के तमाम विभागाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों को बुलाया गया था. सचिव सहित तमाम अधिकारी मौके पर उपस्थित थे. एक मात्र टीएम सह कार्यपालक अभियंता (जलापूर्ति) प्रमोद कुमार नहीं पहुंचे. वह इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए. ऐसे में सर्व सम्मति से निर्णय हुआ कि अब उनसे कार्यपालक अभियंता जलापूर्ति का प्रभार वापस लेते हुए यह प्रभार भी टाउन प्लानिंग के कार्यपालक अभियंता प्रसुन्न कुमार मुमरू को दिया जायेगा. मुमरू अब दोनों कार्यपालक अभियंता के प्रभार में रहेंगे.
सचिव के सहायक बदले : बैठक में बनी सहमति के आधार पर माडा सचिव के सहायक के पद से रामप्रीत को हटा कर नया सहायक लाल भगवान दास को बनाया गया है. रामप्रीत को सूचना विभाग में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है. बैठक के बाद इस आशय की अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है.
बाजार फीस के केस के खर्च पर बनी सहमति
बाजार फीस का मामला, जो हाई कोर्ट में चल रहा है, उसमें होने वाला खर्च प्रबंधन कोष से उठायेगा. इस पर कर्मियों की ओर से समर्थन मिल गया. बाजार फीस को लेकर बुलायी गयी बैठक में कर्मचारी यूनियन ने इस पर सहमति दी. बाजार फीस से ही वर्तमान में संस्थान को बीसीसीएल से 173 करोड़ प्राप्त हुए हैं.

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