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धूल फांक रही नि:शक्तों की पांच लाख की मशीनें

धनबाद: नि:शक्त लोगों के लिए आयी पांच लाख रुपये की मशीनें रेड क्रास भवन में तीन वर्ष से कबाड़ में बदलती जा रही है. इससे जिले में नि:शक्तों को मुख्य धारा से जोड़ने का सपना अधूरा ही रह गया है. अक्तूबर 2009 में सरकार के आदेश के बाद धनबाद में नि:शक्तजनों के लिए यह प्रोजेक्ट […]

धनबाद: नि:शक्त लोगों के लिए आयी पांच लाख रुपये की मशीनें रेड क्रास भवन में तीन वर्ष से कबाड़ में बदलती जा रही है. इससे जिले में नि:शक्तों को मुख्य धारा से जोड़ने का सपना अधूरा ही रह गया है. अक्तूबर 2009 में सरकार के आदेश के बाद धनबाद में नि:शक्तजनों के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया.

आठ जनवरी 2010 में तत्कालीन डीसी अजय कुमार सिंह ने रेड क्रास भवन में जिला नि:शक्तता पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन किया. लेकिन दो-ढाई वर्ष चलने के बाद केंद्र पर ग्रहण लग गया. अंतत: केंद्र की सभी गतिविधियां कमरे व फाइल में सिमट गयी.

कमरे में बंद पांच लाख की मशीनें
केंद्र बनने के बाद सरकार की ओर से साढ़े छह लाख रुपये मुहैया कराये गये. लगभग पांच लाख की राशि से नि:शक्त जनों के लिए कई अत्याधुनिक मशीनें खरीदी गयी. इसमें कम सुनने वाले लोगों को लिए ऑडियोमेट्री मशीन, दर्जनों वैशाखी, नहीं बोल पाने वाले व चलने में असमर्थ लोगों के लिए संबंधित मशीनें शामिल हैं. लेकिन सभी कमरे में ही पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं.
फिजियोथेरेपी सहित आठ कर्मियों की हुई थी बहाली: केंद्र बनने के बाद जिला प्रशासन की ओर से आठ अलग-अलग पदों पर बहाली की गयी थी. इसमें एक फिजियोथेरेपिस्ट, ऑडियोमेट्री एक्सपर्ट, हाथ-पैर के यंत्र बनाने वाले सहित कर्मचारी शामिल थे. लेकिन कुछ माह बाद ही आपसी कलह होने के कारण केंद्र का काम काज प्रभावित होने लगा. अंतत: केंद्र बंद हो गया.
126 नि:शक्त हो गये थे वंचित
वर्ष 2012 में नि:शक्त जनों के लिए आर्टिफिशियल लिंब्स मैनुफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, कानपुर की ओर से कैंप का आयोजन किया गया था. रेड क्रास के इस भवन में धनबाद सहित दूसरे जगहों के करीब 126 नि:शक्त शामिल हुए थे. इन 126 लोगों को संबंधित मशीन देने के लिए कंपनी ने चिन्हित किया था. इसके कुछ माह के अंदर एक ट्रक ट्राइसाइकिल सहित कई मशीनें यहां आ गये. लेकिन केंद्र की ओर से नि:शक्त नहीं बुलाये गये. एक दो को छोड़ बाकी सभी वंचित रह गये. बाद में यह मशीनों को लेकर केंद्र के सदस्यों के साथ आपस में झगड़ा हो गया. मामला तत्कालीन डीसी तक पहुंचा. बाद में मशीनों को दूसरे नि:शक्तों को दे दिया गया.
केंद्र को फिर से चालू किया जायेगा. रांची ने इस संबंध में जानकारी मांगी थी, उन्हें मामले की जानकारी दे दी गयी है. आदेश आते ही नये सिरे से प्रोजेक्ट को चालू किया जायेगा. डीसी को भी इस मामले से अवगत करा दिया है.
केके सिंह, सचिव, रेड क्रास धनबाद

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