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केस अभिलेख से हाई कोर्ट का आदेश गायब, कर्मी परेशान

धनबाद: सिविल कोर्ट के सब जज आठ में पूर्व कोर्ट कर्मचारियों की लापरवाही के कारण केस अभिलेख से हाइकोर्ट का आदेश गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. अभिलेख गायब होने से कोर्ट के कर्मचारी इन दिनों काफी परेशान हैं. झरिया निवासी राजकिशोर साव ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र प्रेषित कर […]

धनबाद: सिविल कोर्ट के सब जज आठ में पूर्व कोर्ट कर्मचारियों की लापरवाही के कारण केस अभिलेख से हाइकोर्ट का आदेश गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. अभिलेख गायब होने से कोर्ट के कर्मचारी इन दिनों काफी परेशान हैं. झरिया निवासी राजकिशोर साव ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र प्रेषित कर न्याय की गुहार लगायी है.

श्री साव ने पत्र की प्रति झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल व रजिस्ट्रार सिविल कोर्ट धनबाद को भेजा है. आवेदक के भाई बसंत लाल साव ने बंटवारा से संबंधित वाद टीपी (एस) 4/90 सब-जज प्रथम की अदालत में दायर किया था. उक्त वाद वर्तमान में सब जज आठ की अदालत में लंबित है. निचली अदालत ने 23 नवंबर 92 को आदेश पारित किया था. निचली अदालत के विरुद्ध वसंत लाल ने उच्च न्यायालय रांची में एमए नंबर 153/92 (आर) दायर कर स्थगन आदेश प्राप्त करा लिया. इसी दौरान आवेदक के पिता की मृत्यु 22 मार्च 94 को हो गयी. राजकिशोर पिता का अस्थि कलश विसर्जित करने के लिए बनारस गये थे. इसी बीच दुकान का ताला तोड़ कर पूरा सामान अपने कब्जे में कर लिया. बसंत लाल द्वारा दायर मिस केस 23/92 उच्च न्यायालय रांची द्वारा प्राप्त किया था, जिसे न्यायालय रांची ने स्थगन आदेश खारिज कर दी.

श्री साव ने अपने अधिवक्ता सत्येंद्र शर्मा के मार्फत सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एसपी से सूचना की मांग की है. एसपी ने 22 जुलाई 13 को झरिया पुलिस को सूचना देने का आदेश दिया.

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