21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मनरेगा में कटौती से पलायन की समस्या

धनबाद: मनरेगा लोकपाल डा काशी नाथ चटर्जी ने कहा कि मनरेगा के खर्च में 37 फीसदी कटौती करने के के सरकार के निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों से मजूदरों के पलायन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उन्होंने बताया कि इस योजना में काम करने वाले मजदूरों के चार करोड़ रुपये सरकार के यहां बकाया है. […]

धनबाद: मनरेगा लोकपाल डा काशी नाथ चटर्जी ने कहा कि मनरेगा के खर्च में 37 फीसदी कटौती करने के के सरकार के निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों से मजूदरों के पलायन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. उन्होंने बताया कि इस योजना में काम करने वाले मजदूरों के चार करोड़ रुपये सरकार के यहां बकाया है. काम के बाद भुगतान नहीं होना , मनरेगा कानून का भी उल्लंघन हैं. श्री चटर्जी गुरुवार को डीडीसी के कार्यालय में सामाजिक अंकेक्षण का प्रशिक्षण सह कार्यशाला के आयोजन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि धनबाद में इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा में एक करोड़, 69 लाख रुपये खर्च किये गये. सबसे अधिक गोविंदपुर प्रखंड में खर्च हुए जबकि दूसरे नंबर पर निरसा एवं तीसरे नंबर पर बाघमारा प्रखंड है. सबसे कम धनबाद एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वी टुंडी प्रखंड है.
बताया कि दो फरवरी, 2005 को शुरू हुए मनरेगा से देश भर के 10 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब सभी योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण होना जरूरी है. इंदिरा आवास, मनरेगा हो या फिर आंगनबाड़ी परियोजना हो. इससे पहले श्री चटर्जी ने प्रशिक्षण सह कार्यशाला में सामाजिक अंकेक्षण के बारे जानकारी देते हुए बताया कि यह वैसी व्यवस्था है जिसमें समाज के लोगों द्वारा योजना पर सहमति बनती है. इसमें शिकायतें उठायी जाती है उसे सामाजिक अंकेक्षण कहा जाता है.
कार्यशाला में डीडीसी चंद्रकिशोर मंडल, डीआरडीए निदेशक कृष्ण किशोर, परियोजना पदाधिकारी प्रभात कुमार, सभी बीडीओ, बीपीओ, एवं सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें