भौंरा: मुद्दा मजदूर हित, मकसद स्वयं का हित और बरसते बादल के बीच गरजते दादा. बुधवार को बोकारो के विधायक समरेश सिंह ने अपने मजदूर संगठन कोलियरी कर्मचारी संघ (कोकसं) और पार्टी झारखंड विकास मोरचा (झाविमो) के बैनर तले भौंरा स्थित बीसीसीएल के इजे एरिया मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन स्थल पर आयोजित सभा में समरेश समर्थकों द्वारा पूरी ताकत झोंक कर भारी भीड़ जुटायी गयी थी. धनबाद-बोकारो के विभिन्न इलाकों से समरेश समर्थक भौंरा पहुंचे. वर्षा में भींग कर श्री सिंह ने अपने समर्थकों व जुटी भीड़ को संबोधित किया.
इसके पूर्व प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए तमाम सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए श्री सिंह ने इजे एरिया के जीएम कार्यालय का गेट तोड़ने की धमकी दी और अपने समर्थकों के साथ कार्यालय परिसर में घुस गये. इस दौरान सीआइएसएफ व पुलिस के जवानों के साथ कोकसं समर्थकों के बीच नोंक झोंक हुई. हालांकि कुछ ही मिनटों में वे परिसर से बाहर निकल कर सभा मंच पर आ गये. सभा की अध्यक्षता उचित महतो ने की.
जीएम पर रंगदारी वसूली का आरोप : इजे एरिया के जीएम सुबीर घोष पर प्रति डीओ ट्रक से 300 रुपये रंगदारी वसूली का आरोप लगाते हुए श्री सिंह ने कहा कि ठेकेदारों व माफिया तत्वों से मिल कर जीएम बीसीसीएल को दोनों हाथों से लूट रहे हैं. चाजर्शीटेड अधिकारी को जीएम के पद पर नहीं रहना चाहिए. इस मामले में सीएमडी से बात करेंगे. क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक डीबी पटनायक पर कंपनी का नियम नहीं लागू होता है. उसका कार्यालय दोपहर तीन से रात दस बजे तक चलता है.
रैयतों को नौकरी नहीं : श्री सिंह ने कहा कि जमीन से कोयला निकाल लिया गया, लेकिन रैयतों को नौकरी नहीं मिली. 20 वर्षो के बाद जमीन रजिस्ट्री नहीं करनेवाले कर्मियों को बरखास्त करने की धमकी देने वाले अधिकारियों को ईंट से ईंट बजा देंगे. जब सीएनटी एक्ट में आदिवासियों की जमीन की खरीद बिक्री पर रोक है, तब बीसीसीएल कैसे इनकी जमीन खरीद रही है. प्रबंधन को इसका जबाव देना होगा. श्री सिंह ने अशोक महतो पिटाई कांड में पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया.
इन्होंने भी किया संबोधित : सभा को वाइएन उपाध्याय, जेएन सिंह धर्मपुरी, महेंद्र सिंह मीनू, सरोज सिंह, रूद्र प्रताप सिंह, पार्षद चंदन महतो, रंजीत सिंह, जितेंद्र रवानी, प्रदीप रवानी, गौरचंद बाउरी, मुनमुन तिवारी, अमर बाउरी, बीरु आनंद सिंह, सुंदर यादव, सत्येंद्र मिश्र, गीता सिंह, सुभाष महतो, कृपानाथ मुखर्जी, भूपति ठाकुर, मुनीलाल राम, दीपू महतो, हराधन महतो, सुबोध महतो, योगेंद्र महतो, अशोक महतो, धनेश्वर सिंह, गणोश महतो, निर्मल गोराईं, हरि सिंह आदि प्रमुख थे.