संवाददाता, धनबादनये साल के स्वागत में करोड़ों प्यालों में करोड़ों रुपये के जाम छलकेंगे. राज्य में शराब के हॉलसेलर बताते हैं कि दिसंबर में शराब की खपत 20 से 30 फीसदी बढ़ जाती है. पिछले वर्ष इसी महीने में धनबाद में लगभग 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की शराब बिकी थी. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शराब की खपत सबसे ज्यादा होती है. क्रिसमस से नये साल तक मयखानों में रौनक रहती है. शराब व्यापारी बताते हैं कि दिसंबर में शराब की सबसे ज्यादा बिक्री के चार दिन तय हैं : 24, 26, 30 व 31 दिसंबर. इन चार दिनों उन्हें सांस लेने की भी फुरसत नहीं होती है. बार मालिकों के पास ग्राहकों को बैठाने की भी जगह नहीं रहती है. तय सरकारी कोटे के अनुसार, झारखंड में हर महीने कम से कम चार लाख एलपीएल (लंदन प्रूफ लीटर) शराब की बिक्री निश्चित रूप से होती है. चार लाख एलपीएल में एक लाख पेटी (एक पेटी में 12 बोतल) शराब होती है. 350 रुपये एक बोतल शराब का औसत मूल्य माना जाये तो हर महीने लगभग 40 करोड़ रुपये की शराब (बीयर भी) की खपत होती है. पिछले वर्ष मंे दिसंबर में औसतन 20,000 पेटी शराब की बिक्री बढ़ी थी. इसमें से 8,000 पेटी 30 व 31 दिसंबर को बिक्री हुई. कोट : न्यू इयर सेलिब्रेट करने के लिए लोग शराब पसंद करते हैं. पिछले साल इसी माह में हुई बिक्री पर इस साल कम होने के आसार हैं. चुनाव के कारण दो माह से कोटा की शराब नहीं उठ रही है. 60 फीसदी ही शराब दुकानदार उठा रहे हैं, जबकि दिसंबर के अंत में शराब की बिक्री बढ़ने के आसार हैं.उमा शंकर सिंह, सहायक आयुक्त उत्पाद
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न्यू इयर में छलकेंगे 1.5 करोड़ के जाम
संवाददाता, धनबादनये साल के स्वागत में करोड़ों प्यालों में करोड़ों रुपये के जाम छलकेंगे. राज्य में शराब के हॉलसेलर बताते हैं कि दिसंबर में शराब की खपत 20 से 30 फीसदी बढ़ जाती है. पिछले वर्ष इसी महीने में धनबाद में लगभग 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की शराब बिकी थी. दिसंबर के अंतिम सप्ताह […]
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