धनबाद: शैक्षणिक सत्र 2014-16 के लिए इंटरमीडिएट 11वीं की परीक्षा जनवरी में होगी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.
अब तक इंटर (11वीं) की परीक्षा जुलाई-अगस्त में होती थी. वर्ष 2014 में 11वीं की परीक्षा जनवरी में लेने की तैयारी की गयी थी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा परीक्षा का प्रोग्राम भी जारी कर दिया गया था, पर संबद्ध डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की हड़ताल व इंटर कॉलेजों की मान्यता का मामला फंसने के कारण परीक्षा जनवरी में नहीं हो पायी. इसके बाद परीक्षा जुलाई में ही हो पायी थी.
11वीं की परीक्षा समय पर नहीं होने के कारण 12वीं का सत्र छह माह विलंब से शुरू होता था. प्रावधान अनुसार 12वीं की कक्षा एक अप्रैल से शुरू होनी चाहिए. समय पर सत्र शुरू नहीं होने से 12वीं में तीन माह से अधिक कक्षा संचालित नहीं होती. विद्यार्थी अगस्त में 12वीं में प्रमोट होते हैं. नवंबर-दिसंबर में फॉर्म भरे जाने के बाद 12वीं की कक्षा बंद हो जाती हैं. इससे इंटर का रिजल्ट प्रभावित हो रहा है.
24 तक जमा होगा मांग पत्र
जैक ने 11 वीं की परीक्षा को लेकर अंगीभूत, संबद्ध डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, प्लस टू उच्च विद्यालय से प्रश्न पत्र के लिए मांग पत्र जमा करने को कहा है. कॉलेज को परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर प्रश्न पत्र का मांग पत्र 24 दिसंबर तक जमा करना होगा. कॉलेज मांग पत्र जैक के रांची कार्यालय व शाखा कार्यालय दुमका व मेदिनीनगर में जमा कर सकते हैं. कॉलेज को प्रश्न पत्र एवं उत्तरपुस्तिका के लिए प्रति विद्यार्थी 60 रुपये के हिसाब से ड्राफ्ट जमा करना होगा.
देनी होगी रिजल्ट की जानकारी
परीक्षा के बाद उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन संबंधित स्कूल-कॉलेज में ही होगा. स्कूल-कॉलेजों को विद्यार्थियों के रिजल्ट की जानकारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को देनी होगी. वर्ष 2016 होने वाली इंटर परीक्षा में उन्हीं विद्यार्थियों को शामिल होने का मौका दिया जायेगा. जिनका रिजल्ट संतोषजनक होगा. विद्यार्थियों की कक्षा में उपस्थिति व रिजल्ट का सत्यापन प्राचार्य द्वारा किया जायेगा.
220 दिन का पाठय़क्रम, सौ दिन पढ़ाई
राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर सीबीएसइ पाठय़क्रम के आधार पर पढ़ाई होती है. पाठय़क्रम को पूरा करने के लिए वर्ष में कम से कम 220 दिनों की पढ़ाई अनिवार्य है. राज्य के स्कूल-कॉलेजों में 220 दिन की पढ़ाई नहीं हो पाती है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा कराये गये सर्वे में पाया गया कि राज्य के अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की सौ दिन की भी पढ़ाई नहीं हो पाती है.