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नहीं छूट रहा सरकारी क्वार्टर का मोह

धनबाद: धनबाद थाना परिसर स्थित पुलिस क्वार्टर पर कुछ पुलिसकर्मियों ने कब्जा जमा रखा है. धनबाद से दूसरे जिलों में तबादला होने या रिटायर होने के बाद भी कई पुलिस पदाधिकारी व जवान क्वार्टर खाली नहीं कर रहे. इसके कारण यहां पदस्थापित पदाधिकारी व जवान भटक रहे हैं. नियमानुसार पुलिस अधिकारियों व जवानों को थाने […]

धनबाद: धनबाद थाना परिसर स्थित पुलिस क्वार्टर पर कुछ पुलिसकर्मियों ने कब्जा जमा रखा है. धनबाद से दूसरे जिलों में तबादला होने या रिटायर होने के बाद भी कई पुलिस पदाधिकारी व जवान क्वार्टर खाली नहीं कर रहे.

इसके कारण यहां पदस्थापित पदाधिकारी व जवान भटक रहे हैं. नियमानुसार पुलिस अधिकारियों व जवानों को थाने के आस-पास ही रहना होता है, ताकि आपातकालीन ड्यूटी लगायी जा सके, लेकिन थाने के क्वार्टर पर तो उनका कब्जा है, जो अभी दूसरे जिलों में भेजे जा चुके हैं. धनबाद इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने वरीय पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर इसकी सूचना दी है.

सरकार को नुकसान

सरकार द्वारा पुलिस वालों को मकान भत्ता दिया जाता है. भत्ता बेसिक पे पर दिया जाता है, इस कारण 1500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक आवास भत्ता पुलिसकर्मी उठाते हैं. लेकिन दूसरे जिलों में ट्रांसफर किये जा चुके अधिकारी व कर्मी यहां सरकारी क्वार्टर में जमे है और वहां आवास भत्ता भी उठा रहे हैं. सरकार को इससे हजारों का चूना लग रहा है.

धनबाद थाना से है प्यार नहीं छोड़ेंगे क्वार्टर

धनबाद थाना के पुनि केदार राम का छह साल पहले तबादला हो चुका है. पुअनि अशोक कुमार छह माह पहले रिटायर हो चुके हैं. पुअनि शमुएल लिंडा नौ माह पहले ट्रांसफर किये जा चुके हैं. आरक्षी मनोज सिंह का भी ट्रांसफर आठ माह पहले ही हो चुका है. पुनि अखिलेश्वर चौबे वर्तमान में सिंदरी में पदस्थापित हैं. आरक्षी चंदन कुमार का ट्रांसफर पुलिस लाइन में हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद इन्होंने अबतक क्वार्टर खाली नहीं किया है. इसके अलावा महिला थाना प्रभारी अगस्टीना लकड़ा, पुअनि धनबाद कन्हैया राम व अंगरक्षक प्रताप ठाकुर सरकारी क्वार्टर में रहते हुए आवास भत्ता भी ले रहे हैं.

कोई होटल तो कोई किराये के मकान में : धनबाद थाना में पदस्थापित इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह को क्वार्टर नहीं मिलने के कारण वे होटल में रहने को मजबूर हैं. इसके अलावा कई एएसआइ किराये के मकान में हैं तो कई पुलिस वाले दूसरे थाना के बैरक में रह रहे हैं.

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