धनबाद: उपायुक्त सह जिला समाहर्ता ने दो अलग-अलग मामलों में सरकारी जमीन पर गलत तरीके से खोली गयी जमाबंदी रद्द करते हुए 61 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया है. इस जमीन की बाजार दर 60 करोड़ रुपये से अधिक बतायी जाती है.
सुभाष चटर्जी के कब्जे वाली जमीन पर गाज
विविध वाद संख्या 06/ 07-08 सुभाष चटर्जी बनाम बैजू कुम्हार मामले में 28.12.2006 को गोविंदपुर के तत्कालीन सीओ ने आदेशफलक में लिखा कि जेलगोरा मौजा अंतर्गत खाता संख्या 10, प्लॉट संख्या 1043, रकबा 18.50 एकड़ भूमि गैर आबाद खाते की है. इस जमीन की जमाबंदी वर्ष 1981-82 में खुलवा कर लगान का भी भुगतान किया गया था. इस जमीन की जमाबंदी वर्ष 1983 में तत्कालीन उपायुक्त ने भी रद्द कर दी थी.
लेकिन बाद में भाजपा नेता सुभाष चटर्जी ने इसे फिर से खुलवा लिया था. बाद में बैजू कुम्हार ने उक्त जमीन पर अपना दावा पेश किया. कहा कि उक्त जमीन के एवज में वित्तीय वर्ष 2006-07 तक की लगान रशीद भी कटी हुई है. सभी पक्षों की सुनवाई के बाद जिला समाहर्ता ने जमाबंदी संख्या 231 के साथ-साथ उक्त भूमि खारिज हो कर कायम हुई जमाबंदी संख्या 399, 400, 401, 402 एवं 403 को रद्द कर दिया है. गोविंदपुर सीओ को 18.50 एकड़ सरकारी भूमि को अभिरक्षा में लेने का आदेश दिया गया है. साथ ही इस मामले में दोषी पदाधिकारी एवं राजस्व कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है. यहां जमीन की बाजार कीमत एक से सवा लाख रुपये प्रति डिसमिल है.