धनबाद: पीएमसीएच के गायनी वार्ड में रविवार की शाम टुंडी (चुरूलिया) निवासी दशरथ भंडारी की पत्नी पिंकी देवी (28) की खून के अभाव में मौत हो गयी. गुस्साये परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. वे चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. पिंकी को 22 नवंबर की सुबह घर पर ही प्रसव हुआ.
बच्चा स्वास्थ था, लेकिन पिंकी के शरीर में खून की काफी कमी हो गयी. स्थिति गंभीर होने पर पिंकी को पीएमसीएच में भरती कराया गया. जांच में शरीर में साढ़े छह ग्राम हीमोग्लोबीन पाया गया. चिकित्सकों ने महिला को तत्काल तीन यूनिट ब्लड की जरूरत बतायी. पीएमसीएच में तमाम प्रसव जननी सुरक्षा योजना के तहत कराये जाते हैं.
इसके तहत मात्र एक यूनिट ब्लड ही फ्री दिये जाते हैं. बाकी दो यूनिट खून के लिए परिजनों को कहा गया, लेकिन न डोनर मिला, न ही ब्लड खरीदने को लिए पैसे थे. लिहाजा रविवार की देर शाम महिला ने दम तोड़ दिया. गुस्साये परिजनों ने सिस्टम व चिकित्सकों के खिलाफ हंगामा किया. गार्ड व स्थानीय पुलिस के आने के बाद शव को लेकर परिजन टुंडी चले गये. पति ने बताया कि पिंकी की पहला संतान सीजर से हुई थी. दूसरा नार्मल डिलिवरी से हुआ. यह तीसरी संतान है. इधर, पीएमसीएच प्रबंधन का कहना था कि जननी सुरक्षा योजना के तहत यहां प्रसव कराये जाते हैं. इसके तहत एक यूनिट खून देने का प्रावधान है. हालांकि महिला की स्थिति काफी खराब थी. अंतिम समय में यहां पहुंची थी. जिस कारण वह नहीं बच पायी.
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा फेल : पिंकी के परिजनों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा भगवान भरोसे हैं. नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कभी चिकित्सक नहीं आते हैं. कर्मचारी कभी-कभार दिख जाता है. मामूली इलाज के लिए हमलोगों को शहर का रुख करना पड़ता है. आंगनबाड़ी से आयरन की गोली सहित कई सुविधा देने की बात होती है, लेकिन हमारे यहां कुछ नहीं मिलता है.