धनबाद: ऑस्कर के अकादमी अवार्ड से सम्मानित डॉक्यूमेंटरी फिल्म स्माइल पिंकी के चिकित्सक डॉ सुबोध कुमार सिंह रविवार (24 अगस्त) को धनबाद आ रहे हैं. डॉ सुबोध धनसार स्थित चक्रवर्ती नर्सिग होम में कटे-होंठ, तालू के बच्चे की जांच करेंगे. इसके बाद नि:शुल्क ऑपरेशन के लिए वाराणसी ले जायेंगे. डॉ सुबोध वाराणसी के प्रसिद्ध जीएस मेमोरियल प्लास्टिक सजर्री अस्पताल के संचालक हैं.
बेस्ट डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट के लिए पुरस्कार : स्माइल पिंकी यूपी के मिर्जापुर की एक गरीब घराने की बच्ची पिंकी व घुटरू पर डॉक्यूमेंटरी बनी थी. पिंकी व घुटरू के जन्म से ही होंठ कटे थे. परिजनों को ऑपरेशन कराने लायक पैसा नहीं था. सोशल वर्कर दोनों को अस्पताल ले आये. इसके छह माह के बाद दोनों की जिंदगी पूरी तरह से बदल गयी. परिजनों को कहना था कि पहले बच्चे इनसे नहीं खेलते थे. सामाजिक तिरस्कार भी सहना पड़ता था. डॉक्यूमेंटरी मात्र 39 मिनट की है. लेकिन, इसमें तिरस्कार से लेकर कैसे दोनों की जिंदगी बदल जाती है, इसे शूट किया गया है अमेरिकी फिल्म निदेशक मेगान मायलन ने. 2009 में बेस्ट डॉक्यूमेंटरी शॉर्ट के लिए ऑस्कर अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया गया. फिलहाल डॉ सुबोध अंतरराष्ट्रीय संस्था द स्माइल ट्रेन के साथ मिल कर काम कर रहे हैं.
मंजिल अभी दूर : डॉ सुबोध
डॉ सुबोध का कहना है कि भारतीय चिकित्सकों द्वारा क्लेफ्ट बच्चों के लिए इस कार्य को सबके सामने लाना चाहता था. इसका जनमानस पर दूरगामी परिणाम होते हैं. ऐसे बच्चों के चेहरे पर खुशी लाना ही हमारा मकसद होना चाहिए. हमारी मंजिल अभी दूर है. बताया कि बीएचयू के ह्यूमन जेनेटिक्स डिपार्टमेंट से साथ हमारा अस्पताल अनुसंधान में लगा है कि इसके कारण क्या है. कारण मिलने से क्लेफ्ट बच्चे बनने की संख्या कम हो सकती है.