धनबाद: अगस्त तक धनबाद को स्मोकिंग फ्री बनाने की घोषणा जिला प्रशासन ने की थी. लेकिन स्थिति पूर्ववत है. सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम सिगरेट का सेवन किया जा रहा है. गुटखा-तंबाकू की दुकानें पहले की तरह आबाद हैं.
दरअसल झारखंड के दो जिले धनबाद व जमशेदपुर को स्मोकिंग फ्री बनाने की पहल केंद्र सरकार ने की थी. लेकिन सात माह बीतने के बाद भी इस पर कोई पहल नहीं की जा सकी है. नोडल पदाधिकारी डॉ जयंत कुमार बताते है कि इसके लिए रांची से चालान बन कर आना था. केंद्र ने राशि भेजने की बात कही थी. लेकिन राशि व चालान दोनों नहीं पहुंचा है. ऐसे में अधिनियम का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है. हालांकि लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है.
केवल कमेटी ही बनी : कोटपा अधिनियम को कड़ाई से पालन के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक कमेटी बनायी गयी है. जिले के तमाम बड़े अधिकारी के साथ सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारी व स्वयं सेवी संस्थाओं को पदाधिकारी इसके सदस्य हैं. वहीं प्रखंड स्तर से बीडीओ को इसका प्रमुख बनाया गया है. इसमें प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को भी शामिल किया गया है. लेकिन सात माह में केवल कमेटी ही बनायी जा सकी है.
ये हो न सका
जिला तंबाकू नियंत्रण सेल का सृदृढ़ीकरण तो हुआ लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ
छापामारी दल का गठन तो किया गया, लेकिन प्रशिक्षण नहीं मिला
न विद्यालयों में जागरूकता अभियान चला, न बच्चों का ब्रिगेड गठन हुआ
सूचना तंत्र की स्थापना एवं प्रचार-प्रसार का काम भी नहीं हुआ
कोटपा अधिनियम के उल्लंघन की मॉनीटरिंग भी शुरू नहीं हो सकी