धनबाद: डीवीसी के उत्पादन में कमी की वजह से गुरुवार को भी बिजली संकट बरकरार रहा. डीवीसी की ओर से रह-रह कर शेडिंग की जा रही है. ऊर्जा विभाग के महाप्रबंधक धनेश झा ने बताया कि धनबाद एरिया की मांग 185 मेगावाट बिजली की है.
पहले 160 मेगावाट मिलता थी. लेकिन अभी तीन दिनों से महज 145 मेगावाट मिल रही है. वह भी लगातार नहीं, शेडिंग करके मिलने से कुछ ज्यादा ही परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि दो से ढाई घंटे पर शेडिंग की जा रही है. बताया कि डीवीसी के कारण लोगों की परेशानी हो रही है, जब तक उसका उत्पादन सामान्य नहीं होगा, कमोबेश यही स्थिति रहेगी.
डीवीसी का रोना
डीवीसी, पुटकी के अधीक्षण अभियंता विवेक रस्तोगी ने बताया कि धनबाद-बाकारो और गिरिडीह कमांडिंग एरिया में कम से कम तीन हजार मेगावाट बिजली की जरूरत है, उसकी जगह मात्र 23 सौ मेगावाट बिजली. इस बीच चंद्रपुरा की बंद यूनिट चोलू हो गयी है. जबकि बोकारो की दो यूनिट में उत्पादन ठप है. मेजिया और अंडाल में भी उत्पादन बाधित है.
एक ही टाइम हुई जलापूर्ति
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कॉल सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार बिजली संकट के कारण शाम में कहीं भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हुई है. सुबह में गांधी नगर एवं धनसार में भी जलापूर्ति नहीं हुई थी. लेकिन बाद में उस जगह आपूर्ति कर दी गयी. लेकिन शाम में कहीं भी नहीं हुई. बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में सुबह छह बजे जो बिजली गयी सो 9.30 में आयी. फिर 10 बजे कटी सो 10.20 बजे आयी. इसके बाद 1.40 कटी सो ढाई बजे आयी. शाम 6.20 बजे भी कटी और रात को आयी.
मनईटांड़ क्षेत्र में 12 घंटे गुल
धनबाद. पुटकी और गोधर के बीच तार टूट जाने के कारण बुधवार की रात 11 बजे जो लाइन कटी सो गुरुवार को दिन के 11 बजे आयी. 12 घंटे तक लोग अंधेरे में रहे. नया बाजार के सहायक अभियंता राजेश कुमार मंडल ने बताया कि देर रात को ब्रेक डाउन हो गया था जिसे 10 बजे बना लिया गया था.