गंगा दामोदर में उत्कृष्ट कोच की एसी पहले दिन ही फेल, यात्रियों का हंगामा

धनबाद : भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी उत्कृष्ट रैक योजना गंगा दामोदर एक्सप्रेस में पहले दिन ही हंगामें की भेंट चढ़ गयी. ट्रेन की दो एसी बोगियों में एयर कंडिशनिंग सिस्टम के ठीक से काम नहीं करनेे पर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया. यात्रियों के हंगामे को देखते हुए एडीआरएम अशोक कुमार को आना पड़ा. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 21, 2019 3:41 AM

धनबाद : भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी उत्कृष्ट रैक योजना गंगा दामोदर एक्सप्रेस में पहले दिन ही हंगामें की भेंट चढ़ गयी. ट्रेन की दो एसी बोगियों में एयर कंडिशनिंग सिस्टम के ठीक से काम नहीं करनेे पर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया. यात्रियों के हंगामे को देखते हुए एडीआरएम अशोक कुमार को आना पड़ा. उन्होंने काफी मुश्किल से यात्रियों को समझा कर ट्रेन को एसी मैकेनिक के साथ रवाना किया गया. लेकिन इस सबके बीच में ट्रेन करीब 20 मिनट विलंब से खुली.

क्या है मामला : गंगा दामोदर एक्सप्रेस में सोमवार को उत्कृष्ट रेलवे रैक के साथ प्लेटफार्म नंबर दो पर भेजा गया. पुराने रैक का नवीकरण धनबाद में ही किया गया है. ट्रेन खुलने के समय से काफी पहले प्लेटफार्म पर आ गयी थी.
आधुनिक सुविधाओं से लैस इन बोगियों को देखकर यात्री शुरुआत में काफी खुश थे. लेकिन इनकी यह खुशी बोगी में सवार होते ही गुस्से में बदल गयी. ट्रेन की बी वन और बी टू बोगी की एयर कंडिशनिंग सिस्टम काम नहीं कर रही थी. यात्री गरमी से बेहाल हो गये. इसके बाद इन यात्रियों ने पहले इसकी शिकायत स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों से की.
लेकिन कुछ नहीं होने पर इन लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की शुरुआत बी वन कोच के यात्रियों ने की. लेकिन कुछ देर में ही बी टू के यात्री भी हंगामे में शामिल हो गये. हंगामा बढ़ता देख स्टेशन मैनेजर, आरपीएफ और जीआरपी के काफी संख्या में जवान वहां पहुंच गये.
अधिकारियों ने यात्रियों को तकनीकी कारणों के संबंध में समझाया. लेकिन यात्री इस पर मानने को तैयार नहीं हुए. इसी दौरान स्लीपर कोच के यात्री भी पंखा नहीं चलने की शिकायत के साथ हंगामें शामिल हो गये. इसके बाद हंगामे की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी. एडीआरएम पहुंच गये. उन्होंने 30 मिनट से अधिक समय तक यात्रियों को समझाया. अंत में किसी तरह वे यात्रियों को तकनीकी वजह समझाने में कामयाब रहे. तब कहीं जाकर 11.30 के करीब ट्रेन को मैकेनिक के साथ रवाना किया जा सका.

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