ई-गवर्नेंस में Rs 2.65 करोड़ के घोटाले की पुलिस जांच शुरू

पुलिस ने आरोपी का पता-फोन नंबर लिया धनबाद : ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच शुरू हो गयी है. बुधवार को सदर थाना की पुलिस नगर निगम दफ्तर पहुंची. ई-गवर्नेंस से जुड़ी फाइलों को खंगाला और कुछ दस्तावेज की कॉपी ली. ई-गवर्नेंस से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी व डिस्पैच क्लर्क से भी लंबी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 16, 2019 5:34 AM

पुलिस ने आरोपी का पता-फोन नंबर लिया

धनबाद : ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच शुरू हो गयी है. बुधवार को सदर थाना की पुलिस नगर निगम दफ्तर पहुंची. ई-गवर्नेंस से जुड़ी फाइलों को खंगाला और कुछ दस्तावेज की कॉपी ली. ई-गवर्नेंस से जुड़े अधिकारी, कर्मचारी व डिस्पैच क्लर्क से भी लंबी पूछताछ की. अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के घर का एड्रेस व मोबाइल नंबर भी लिया.
बताते चलें कि ई-गवर्नेंस में 2.65 करोड़ के घोटाले मामले में नगर निगम ने 24 अप्रैल को अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ सदर थाना में एफआइआर दर्ज करायी थी. इस मामले में पहले से लेखापाल अनिल मंडल व भंडारपाल हरिश पांडे को सस्पेंड किया जा चुका है. पूर्व नगर आयुक्त मनोज कुमार, अपर नगर आयुक्त प्रदीप कुमार व उप नगर आयुक्त अनिल यादव पर प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई के लिए कार्मिक विभाग को लिखा गया है.
क्या है मामला : धनबाद में ई गवर्नेंस प्रोजेक्ट के लिए मेसर्स ब्योम टेक्नोलॉजी के साथ मार्च 2016 में करार हुआ था. ब्योम टेक्नोलॉजी को विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर मॉड्यूल तैयार करना था. इसके लिए आवश्यक हार्डवेयर उपकरण उपलब्ध कराना था एवं डाटा एंट्री आदि कार्य करना था. ब्योम टेक्नोलॉजी को एकरारनामा के अनुसार निर्धारित अवधि तक रख-रखाव भी करना था. आरोप है कि प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान कंपनी को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए गलत विपत्र को सत्यापित कर 2.65 करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल की शिकायत पर जांच शुरू हुई तो घोटाला का मामला सामने आया.

Next Article

Exit mobile version