धनबाद : टीएमसी और भाजपा को रोकना लक्ष्य : वृंदा करात

धनबाद : सीपीआइ (एम) की राष्ट्रीय पोलित ब्यूरो सदस्य और झारखंड प्रभारी वृंदा करात का कहना है कि आसन्न लोक सभा चुनाव में वाम मोर्चा पिछले लोक सभा चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगा. पिछले चार सालों के दौरान वाम मोर्चा ने किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और दलितों से जुड़े मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2019 7:07 AM
धनबाद : सीपीआइ (एम) की राष्ट्रीय पोलित ब्यूरो सदस्य और झारखंड प्रभारी वृंदा करात का कहना है कि आसन्न लोक सभा चुनाव में वाम मोर्चा पिछले लोक सभा चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगा. पिछले चार सालों के दौरान वाम मोर्चा ने किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और दलितों से जुड़े मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनाया है.
वाम मोर्चा के चलाये किसान आंदोलन का ही परिणाम है कि आज मोदी सरकार को किसानों के लिए अलग से नीति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हम निश्चित तौर पर पिछले लोक सभा में प्राप्त 16 सीटों से आगे जायेंगे. वृंदा रविवार को यहां जगजीवन नगर के स्टाफ क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं. वह तीन दिवसीय दौरे पर धनबाद पहुंची हैं.
मासस लड़ेगी तो वाम मोर्चा का समर्थन
उन्होंने कहा कि वाम मोर्चा का लक्ष्य बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और देश में भाजपा को रोकना है. झारखंड में वाम दल जिन सीटों पर मजबूत स्थिति में वहां अपने दम पर चुनाव लडेंगे. अगर धनबाद में मार्क्सवादी समन्वय समिति (एमसीसी) चुनाव लड़ती है तो वाम मोर्चा उसे समर्थन करेगा. क्योंकि एमसीसी भी मोर्चा का ही हिस्सा है. अन्य सीटों पर भाजपा विरोधी दलों को समर्थन किया जा सकता है. वहीं बिहार में अभी राजद के साथ तालमेल को लेकर बातचीत चल रही है.
जहां मजबूत वहां वाम दल अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे, अन्य जगहों पर भाजपा विरोधियों को समर्थन
पुलवामा पर भाजपा की नकारात्मक राजनीति : वृंदा कारात ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भाजपा पर नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाया. कहा कि असम के लखिमपुर में अमित शाह का यह बयान कि देश को बाहरी ताकतों से केवल भगवा दल ही बचा सकता है, काफी आपत्तिजनक है.
फॉरेस्ट राइट एक्ट में संशोधन हो
वृंदा करात ने कहा कि सरकार की तरफ से ठीक से पैरवी नहीं होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उन आदिवासियों से जंगल की जमीन का मालिकाना हक छीन लिया जिनके पास उस जमीन का पट्टा नहीं है. कोर्ट के इस फैसले से देश भर के 23 लाख आदिवासी परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इसमें झारखंड के हजारों आदिवासी शामिल हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से इस फैसले को बदलने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की.
कोयला मजदूरों की स्थिति खराब
वृंदा ने कहा कि कोयला उद्योगों में मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय है. सरकार की गलत उद्योग नीति की वजह से आउटसोर्सिंग कंपनियां अवैज्ञानिक तरीके से खनन कर रही है. इनके मजदूरों को तय वेतन के मुकाबले काफी कम पैसे मिल रहे हैं.
सोमवार को धनबाद कोर्ट में पेशी : वृंदा करात धनबाद दौरे पर कोर्ट में पेशी के लिए आयीं हैं. उनके खिलाफ मई 2015 के एक मामले में यहां के कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी है. सोमवार को इस मामले में कोर्ट में पेश होंगी. मई 2015 में उन पर बिना इजाजत के डीसी कार्यालय पर एक प्रदर्शन का नेतृत्व करने का आरोप है.

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