धनबाद : बेरोजगार हो जायेंगे 24,000 से अधिक लोग

धनबाद : ‘डीसी साहब, कोयला लोडिंग के नाम पर रंगदारी मांगी जाती है. रंगदारी नहीं देने पर ट्रक वापस लौटा दिया जाता है. स्थिति यह है कि पिछले एक माह से बाघमारा क्षेत्र की कोलियरियों से उठाव ठप है. इंडस्ट्रीज की हालत दयनीय हो गयी है. इससे जुड़े लाखों मजदूरों के परिवार के सामने रोजी-रोटी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 19, 2018 8:08 AM
धनबाद : ‘डीसी साहब, कोयला लोडिंग के नाम पर रंगदारी मांगी जाती है. रंगदारी नहीं देने पर ट्रक वापस लौटा दिया जाता है. स्थिति यह है कि पिछले एक माह से बाघमारा क्षेत्र की कोलियरियों से उठाव ठप है.
इंडस्ट्रीज की हालत दयनीय हो गयी है. इससे जुड़े लाखों मजदूरों के परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. पिछले एक माह से लोडिंग बंद है. समस्या का निदान नहीं हुआ तो एक जनवरी से सभी 120 हार्डकोक उद्योग बंद कर दिये जायेंगे.
इससे इन हार्डकोक उद्योगों में सीधे या प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे 24000 मजदूरों की रोजी-रोटी छीन जायेगी.’ यह कहना है जिले के हार्डकोक उद्यमियों का. मंगलवार को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन और झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त ए दोड्डे से मिलकर अपनी समस्या सुनायी.
उपायुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बीसीसीएल, पुलिस-प्रशासन व प्रभावित उद्यमियों की बैठक बुलायी जायेगी. दो से तीन दिनों के अंदर समस्या का निदान कर लिया जायेगा. उपायुक्त के साथ एसएसपी किशोर कौशल भी मौजूद थे.
400 रुपये रंगदारों के सरदार की जेब में
उपायुक्त को हार्डकोक उद्यमियों ने बताया कि बाघमारा क्षेत्र के एक से पांच तक की कोलियरियों से कोयला उठाव पर प्रतिटन 650 रुपये लोडिंग चार्ज लिया जाता था.
जबकि गरीब मजदूरों को प्रतिटन 200 से 250 रुपये लोडिंग चार्ज दिया जाता था. प्रतिटन करीब 400 रुपये ‘रंगदारों के सरदार’ की जेब में जाता था. ई-ऑक्शन बंद होने के बाद 17 नवंबर से लोडिंग चार्ज बढ़ाकर प्रतिटन 1250 रुपये कर दिया गया.
हम हार्डकोक उद्यमियों ने निर्णय लिया है कि चाहे इंडस्ट्री बंद ही क्यों नहीं करनी पड़े, अब रंगदारी नहीं देंगे. इसके बाद से लोडिंग बंद है. प्रतिनिधिमंडल में अमितेश सहाय, एसके सिन्हा, अमित डोकानिया, वाइएन नरूला, राम कुमार अग्रवाल, हेमंत अग्रवाल, मनीष सांवरिया, अनिल सांवरिया, सुनील अग्रवाल आदि थे.
डीसी के आश्वासन से उम्मीद की किरण दिखी : अमितेश सहाय
झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि डीसी ने समस्या पर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है. डीसी के आश्वासन से उद्योग जगत में उम्मीद की किरण दिख रही है. डीसी ने दो से तीन दिनों में विशेष बैठक बुलाने की बात कही है. बैठक में मामले का निपटारा करने का आश्वासन दिया है.
ऑफर को एरिया छह से 12 की कोलियरियों में समायोजित करें सीएमडी
इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को बीसीसीएल के सीएमडी को पत्र लिखकर एरिया एक से पांच के ऑफर को एरिया छह से 12 की कोलियरियों में समायोजित करने का आग्रह किया है.
सीएमडी को दिये गये पत्र में रंगदारों के आतंक का उल्लेख करते हुए ऑफर को दूसरी कोलियरियों में समायोजित करने आग्रह किया गया है. इसकी प्रतिलिपि कोयला मंत्रालय, प्रधानमंत्री, कोल सचिव को भी भेजी गयी है.
टूट गया है व्यवसायियों के सब्र का बांध : बीएन सिंह
इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि व्यवसायी शांति से अपना व्यवसाय करना चाहते हैं, मगर बाघमारा कोयलांचल में सारी हदें पार हो गयी है. व्यवसायियों के सब्र का बांध टूट गया.
दो साल पहले उद्यमियों के सामने प्रतिटन 450 रुपये लोडिंग चार्ज देने पर सहमति बनी थी. लेकिन कुछ माह बाद ‘रंगदारों के सरदार’ का लालच बढ़ गया.
वह मनमानी करने लगा. सीधे प्रतिटन 200 रुपये लोडिंग चार्ज बढ़ा दिया यानी प्रतिटन 650 रुपये कर दिया. उद्योग हित में और मजदूरों के हित में हम व्यवसायियों ने इसे स्वीकार लिया.
इधर, इ-ऑक्शन बंद होने के बाद ‘रंगदारों के सरदार’ ने प्रतिटन 650 रुपये को बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया. 1250 रुपये देने का मतलब है कि उद्योग अपने आप बंद हो जायेगा, तो इससे अच्छा है कि हम खुद उद्योग बंद कर दें.
व्यवसायी पूंजी लगाकर मेहनत से दो पैसे कमाते हैं. हम व्यवसायी हैं, अपराधी नहीं, रंगदार नहीं. हमारा काम खून-खराबा करना नहीं है. हम व्यवसायी बिना मेहनत के रंगदारी से पैसे कमानेवाले नहीं हैं.

Next Article

Exit mobile version