धनबाद : रेल मंत्रालय ने क्षेत्रीय कार्यालयों को रेलों के आगमन और प्रस्थान से संबंधित जानकारी के लिए देश भर के 41 स्टेशनों पर डेटा लॉगर्स लगाया है. इस सिस्टम को धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता में भी लगाया गया है. जहां समय के अनुसार रेलों की आवाजाही को रिकॉर्ड किया जा रहा है. इस सिस्टम के लगने के बाद अब कोई रेल मंडल अपने क्षेत्र में ट्रेन के समय में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं कर पायेगा और इससे ट्रेन के समय में भी सुधार आयेगा.
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प्रधानखंता में लगा डेटा लॉगर्स ट्रेनों की आवाजाही हो रही है रिकॉर्ड
धनबाद : रेल मंत्रालय ने क्षेत्रीय कार्यालयों को रेलों के आगमन और प्रस्थान से संबंधित जानकारी के लिए देश भर के 41 स्टेशनों पर डेटा लॉगर्स लगाया है. इस सिस्टम को धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता में भी लगाया गया है. जहां समय के अनुसार रेलों की आवाजाही को रिकॉर्ड किया जा रहा है. इस […]
41 बड़े जंक्शनों में हस्तचालित प्रणाली बंद : सही आंकड़ों की जानकारी सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्रालय ने 41 बड़े रेलवे जंक्शनों पर हस्तचालित जानकारी देने की प्रक्रिया को बंद कर दिया है. रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को 01 जनवरी 2018 से डेटा लॉगर्स में रेलों के आगमन और प्रस्थान की जानकारी देने का निर्देश दिया है. निर्देश के तहत यह भी कहा गया है कि समयबद्धता के कम होने के भय का त्याग करते हुए वे प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराएं.
इसके साथ ही डेटा लॉगर्स स्टेशनों पर सिग्नल गियर्स की कार्यप्रणाली की निगरानी करता है. ट्रेनों के नियंत्रण के लिए ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क तैयार किये गये हैं और इन्हें क्षेत्रीय कार्यालयों के नियंत्रण केंद्रों से जोड़ दिया गया है. डेटा लॉगर्स की सहायता से ट्रेनों के आवागमन संबंधी जानकारी केंद्रीय सर्वर में अपलोड हो जायेगी, इसके लिए अपडेट कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) का उपयोग किया जा रहा है. इस उद्देश्य के लिए सीओए को ऑप्टिक फाइबर के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय के एक टर्मिनल स्टेशन तथा एक अन्य स्टेशन से जोड़ दिया गया है. पायलट परियोजना के तौर पर 17 टर्मिनल स्टेशनों और 17 अन्य स्टेशनों में इसे लागू किया गया है. इस प्रणाली से काम शुरू हो गया है.
ऐसे काम कर रहा लॉगर्स
डेटा लॉगर्स एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो सेंसर के साथ या बाह्य उपकरणों और सेंसर के माध्यम से समय के अनुसार या स्थान के अनुसार डेटा रिकॉर्ड करता है. इस प्रणाली की सहायता से लगभग 80 प्रतिशत मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के आवागमन के समय की निगरानी की जा रही है. यह प्रणाली रेलों की समय की पाबंदी को बेहतर बनायेगी और यात्रियों को रेलों की रियल टाइम स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी.
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