धनबाद : पीएमसीएच के आइ बैंक में दान की गयी दो आंखों (काॅर्निया) के खराब होने पर जिले के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर और हाथ कैंडल लेकर प्रदर्शन किया. सभी भारतीय प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत परिषद के बैनर तले पुलिस लाइन से जुलूस निकालकर रणधीर वर्मा चौक पहुंचे.
नेतृत्व मधुरेंद्र सिंह व अंकित राजगढ़िया कर रहे थे. श्री सिंह ने कहा कि पीएमसीएच में आंख के लिए कई लोग चक्कर लगाते रहे, लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही से दान में दी गयीं आंखें खराब हो गयीं. मौके पर सुशील सावरिया, बंटी विश्वकर्मा, प्रवीण, गणेश, सोनू, आयुष तिवारी, डेकोरेशन संघ के प्रदीप सिंह, हीरापुर चेंबर के गुड्डू अग्रवाल, आनंद चौरसिया, रोहित भारती आदि काफी लोग मौजूद थे.
सीएम जांच कमेटी का गठन करें
जुलूस में शामिल लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री मामले को संज्ञान में लें. इसकी जांच कराकर दोषी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई हो. आखिर किसकी लापरवाही से आंखें खराब हुई.
दो और काॅर्निया खराब होने का डर, भेजा जायेगा रांची
देव किरण दे की काॅर्निया खराब होने के बाद अब बैंक मोड़ शांति भवन निवासी स्व. अनंत राही (74) की दान की गयी आंखें खराब होने की आशंका है. 13 फरवरी को रोटरी क्लब के सहयोग से आइ डोनेट किया गया था. पीएमसीएच प्रबंधन ने इस काॅर्निया को कश्यप आई अस्पताल रांची भेजने की बात कही है. मंगलवार को काॅर्निया रांची भेज दी जायेगी. ताकि वहां किसी को लगाया जा सके.
छुट्टी पर जा रहे आइ बैंक प्रभारी, अधीक्षक ने की बैठक
काॅर्निया खराब होने को लेकर विरोध के बाद प्रबंधन रेस हो गया है. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने आइ बैंक के चिकित्सकों के साथ बैठक कर मामले की जानकारी ली. आई बैंक प्रभारी डॉ आरके सिन्हा निजी कारणों से छुट्टी पर जाने वाले हैं. इसलिए आइ बैंक में रखी आंखें रांची भेजने के बात कही गयी.
ट्यूटर-फेसबुक पर भी विरोध
आइ बैंक में नेत्र खराब होने की खबर प्रभात खबर में छपने के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने कटिंग के साथ पीएमसीएच प्रबंधन की निंदा की.
मेरे बड़े पापा व पिताजी ने नेत्र दान किया था. घर के लगभग 50 रिश्तेदारों ने नेत्र दान का संकल्प लिया है, लेकिन पीएमसीएच के रवैया से काफी ठेस पहुंची है. …अंकित राजगढ़िया
मामले की सीबीआई जांच हो, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. …सोहराब खान, पुराना बाजार चेंबर
अंतत: खराब हो गयी आंखें…जो किसी का जीवन रौशन कर सकती थी. …शालिनी खन्ना
इसकी जिम्मेवारी किसकी बनती है, मामले की जांच कर लापरवाह पर कार्रवाई हो. ..जीतेंद्र मोदक
इसे लापरवाही नहीं करें तो क्या कहें… प्रदीप महतो
वाकई दुखद है, जितनी निंदा की जाये कम है… देवेंद्र सिन्हा
बीजेपी वाले बताते हैं कि पीएमसीएच की स्थिति पहले से काफी अच्छी हुई है… केशव दास
बहुत शर्म आती है, लापरवाही से अमूल्य आंखें नष्ट हो गयी… उत्तम कुमार
गुस्सा आ रहा है…चंद्रगुप्त शाह
बेहद अफसोसजनक…महेंद्र भगानिया