प्रज्ञा केंद्रों से आधार खिसका संचालकों को लगा झटका

यूआइडीएआइ ने आइडी किया लॉक 1.85 लाख की मशीन खरीद फंस गये संचालक धनबाद : देश भर के प्रज्ञा केंद्रों में आधार पंजीयन का कार्य नौ फरवरी से बंद कर दिया गया है. जिले के लगभग 60 प्रज्ञा केंद्र इससे प्रभावित हुए हैं. प्रज्ञा केंद्र संचालकों को इससे जोर का झटका लगा है. वे खुद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2018 5:53 AM

यूआइडीएआइ ने आइडी किया लॉक

1.85 लाख की मशीन खरीद फंस गये संचालक
धनबाद : देश भर के प्रज्ञा केंद्रों में आधार पंजीयन का कार्य नौ फरवरी से बंद कर दिया गया है. जिले के लगभग 60 प्रज्ञा केंद्र इससे प्रभावित हुए हैं. प्रज्ञा केंद्र संचालकों को इससे जोर का झटका लगा है. वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. सरकार ने आधार पंजीयन का काम फिलहाल पोस्ट ऑफिसों में शुरू कराया है. आगे बैंक, समाहरणालय और नगर निगम में शुरू करने की योजना है. पंजीयन कार्य में एक केंद्र में ऑपरेटर के साथ अमूमन दो सहायक थे. अब कार्य बंद होने से सभी के समक्ष बेरोजगारी का संकट खड़ा है.
1.85 लाख में मशीन खरीदी, अब बनी शोभा की वस्तु : प्रज्ञा केंद्र में आधार पंजीकरण कार्य के लिए यूआइडीएआइ ने प्रति मशीन 1.85 लाख रुपये करके संचालकों से लिये थे. कुछ माह पूर्व सरकार ने घोषणा की थी कि आधार अब सरकारी कार्यालयों में ही बनेगा. निर्देश के बाद यूआइडीएआइ बेंगलुरू (मुख्य कार्यालय) ने पूरे देश में प्रज्ञा केंद्र के उस आइडी को लॉक कर दिया है, जिसके कारण प्रज्ञा केंद्रों में रखी गयी आधार की मशीन शोभा की वस्तु बन गयी है.
प्रमाण पत्रों के कमीशन में भी कटौती: प्रज्ञा केंद्र संचालकों को एक ओर आधार का झटका लगा, तो दूसरी ओर कमीशन भी काट कर आधी कर दी गयी है. जाति, आवासीय, जन्म-मृत्यु सहित अन्य कार्य के लिए सरकारी दर 30 रुपये तय की गयी थी. इसमें 15 रुपये सरकार तो 15 रुपये संचालक को बतौर कमीशन मिलते थे. अब सरकार ने इसे घटाकर दस रुपये कर दिया है. 2.10 रुपये सरकार को मिलते हैं. जबकि जीएसटी आदि काटकर संचालकों को सात रुपये मिलते हैं.
2007-08 में खुले केंद्र, सहायता नहीं मिली : पांडरपाला के केंद्र संचालक अमित कुमार कहते हैं कि जिले में वर्ष 2007-08 में लगभग 25 प्रज्ञा केंद्र की शुरूआत की गयी थी. इसके लिए सरकार ने बाकायदा 25-25 हजार रुपये सिक्यूरिटी मनी भी ली. इसमें एक कंप्यूटर दिया गया, लेकिन प्रिंटर संचालकों को खरीदना पड़ा. धीर-धीरे जिले में 300 के आसपास प्रज्ञा केंद्र हो गये. नेट की व्यवस्था संचालकों को खुद करनी पड़ी. घर का किराया सरकार की ओर से देने की बात थी, लेकिन किराया व बिजली बिल संचालकों को भुगतान करना पड़ रहा है. दो हजार मानदेय की बात भी पूरी नहीं हुई. इन प्रज्ञा केंद्रों में हालांकि आधार पंजीकरण की व्यवस्था नहीं थी.
आधार के लिए भटक रहे लोग : जिले में एक साथ लगभग 60 केंद्रों में आधार का काम बंद होने से आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोग आधार के लिए चक्कर काट रहे हैं. कई लोगों ने आधार बनवाया था, लेकिन यह अपडेट कहां होगा, इसका भी नहीं पता चल रहा है.
मनमानी की आ रही थी शिकायत : अमित
यूआइडीएआइ के प्रभारी अमित कुमार कहते हैं कि केंद्र संचालकों से आधार को लेकर काफी शिकायतें आ रही थी. एक जगह की मशीन को उठाकर दूसरी जगह ऑपरेटर चले जाते थे. लगातार शिकायत मिल रही थी. प्रज्ञा में आधार बंद होने से कुछ लोगों को बेरोजगारी को लेकर कठिनाई हो सकती है. हालांकि प्रभा केंद्र में दूसरे काम यथावत होते रहेंगे.

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