होली दो मार्च को है. बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी होली के रंग में रंगने को आतुर हैं. फिजा में अबीर गुलाल उड़ा कर होली आने का संकेत दिया जा रहा है. इन सब से अलग अपनी पहली होली को लेकर नव ब्याहताओं में अलग ही उत्साह है. अपनी पहली होली को यादगार बनाने के लिए इन्होंने भी तैयारियां कर रखी हैं. आइये जानते हैं इनकी तैयारियां….
संजो कर रखेंगे याद
पुराना बाजार की रहनेवाली शालू कहती हैं पिया संग मेरी पहली होली है. अभिषेक सांवरिया के साथ विवाह बंधन में बंध सिंदरी से पुराना बाजार आयी. मेरी ससुराल की पहली होली खास हो यह हम दोनों का प्रयास है. हम हल्के रंग से होली खेलेंगे. बड़ों के आशीर्वाद के साथ हमारा रंग का कार्यक्रम प्रारंभ होगा. होली के दहीबड़े और मालपुआ की भी तैयारी है. अभिषेक कहते हैं कि होली का त्योहार आनंदित करता है. रंग गुलाल प्रेम का संदेश देता है. अपनी लाइफ पार्टनर के साथ पहली होली है, इसे जेहन में संजो कर रखना है.
बरसे होली की खुशियां
28 अप्रैल 2017 को बैंक कर्मी अंजीत कुमार के साथ दांपत्य जीवन में प्रवेश करनेवाली जागृति कहती हैं कि जीवन के कई रंग हैं, त्योहार हैं.रंगों का त्योहार आये तो सब इसके रंग में रंग जायें. सबों पर रंगों की खुशियां बरसे. ससुराल में मेरी पहली होली है. बचपन से ही मुझे रंगों से लगाव रहा है. मायके में तो भाई-बहनों के साथ होली के रंग में रंग जाती थी. दांपत्य जीवन की पहली होली यादगार हो, यही मेरा प्रयास है. पति के लिए गिफ्ट लिया है. जबकि अंजीत कहते हैं कि होली के लिए कुछ सरप्राइज है, जो उसी दिन डिसक्लोज होगा.
रंग का त्योहार आनेवाला है
18 जून 2017 को साबलपुर के रहनेवाले अधिवक्ता सौरभ चटर्जी के साथ वैवाहिक बंधन में बंधी मधुमंती डे चटर्जी कहती हैं कि रंगों का त्योहार आनेवाला है. मैंने अपने वैवाहिक जीवन की पहली होली की खूब तैयारी की है. वैसे भी होली मेरा प्रिय त्योहार है. रंगों से खेलना पसंद करती हूं. मैं ऐसे रंगों का चयन करती हूं, जो हानिकारक न हो और आसानी से छूट जाये.
सुबह उठने के साथ बड़ों का आशीर्वाद लूंगी. सबसे पहले अपने पति (सौरभ) को रंग से सराबोर करूंगी. उसके बाद पारिवारिक सदस्यों के साथ खेलूंगी रंग. होली में व्यंजन भी चाव से बनाती हूं. वहीं सौरभ कहते हैं कि वैवाहिक जीवन के बाद का पहला त्योहार वैसे भी खास होता है. होली का रंग तो वैसे भी हर रिश्ते पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है.
जमकर मचायेंगे धमाल
झरिया की रहनेवाली सृष्टि अग्रवाल कहती हैं सात जुलाई 2017 को सेतिया बंगाल के विजय अग्रवाल के साथ मेरी शादी हुई. वैसे तो हमारे रिवाज के अनुसार पहली होली मायके में मनायी जाती है, लेकिन ससुरालवालों का यह कहना है कि बहू के रहते ससुराल की होली फीकी नहीं होनी चाहिए. मेरे पति एक भाई दो बहन है. मेरी दोनों ननदें मुझसे छोटी हैं. होली में सभी मिलनेवाले हैं. इसलिए होली की तैयारी अभी से शुरू कर दी हूं. मैं तो जमकर रंग खेलूंगी. विजय कहते हैं कि होली पर जम कर धमाल मचनेवाला है, क्योंकि पूरा परिवार इकट्ठा हो रहा है.