केंदुआ : बीसीसीएल ने 35 वर्ष पुराने नियम में बदलाव कर एकरूपता लाते हुए माइनिंग सरदार व ओवरमैन के चाजर्भार ग्रहण करने की अवधि को 45 मिनट निर्धारित कर दिया है. इस आशय का पत्र सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्गत करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश जारी किया गया है.
अब तक चाजर्भार की समय सीमा कोलियरियों में 30 से 60 मिनट तक थी. इससे अधिकांश कर्मी लाभान्वित होंगे. कर्मी को चार हजार तक का लाभ मिलेगा. पर इस नियम के विरुद्ध भी कर्मियों के स्वर उठने लगे हैं.
कहीं खुशी कहीं गम
कंपनी के चाजर्भार हैंडओवर टेकओवर करने के नये नियम से कर्मियों के बीच कहीं खुशी कहीं गम का माहौल है. कारण कि जिन खदानों के लिए समय सीमा बढ़ गयी है उन खदानों के सुपरवाइजरी स्टाफ का चार्ज भार ग्रहण करने का एलाउंस भी बढ़ जायेगा. लेकिन मुनीडीह, सुदामडीह, गोविंदपुर एरिया में कार्यरत कर्मियों के लिए नया नियम नुकसानदेह बन गया है.
इन खदानों में फेस लंबे हैं इसके कारण कर्मी को स्थल तक पहुंचने में ज्यादा समय लग जाता है. नये नियम से जहां इन्हें 15 मिनट समय कम मिलेगा, वहीं एलाउंस का भी नुकसान हो सकता है.
इनमोसा ने किया विरोध
चाजर्भार के नये नियम के विरोध में इनमोसा ने बैठक कर विरोध जताया है. वक्ताओं ने कहा कि बिना किसी वार्ता के प्रबंधन ने चाजर्भार के नये नियम का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है. सदस्यों ने मांग की कि बीसीसीएल में एक समान एल चार्ज एलाउंस भुगतान किया जाये.
आरोप लगाया गया कि कमेटी द्वारा खदानों की जांच कर चाजर्भार ग्रहण करने के समय का निर्धारण किया जाता था. इसका अनुपालन नहीं किया गया. बैठक में संजय कुमार सिंह, रामाशीष सिंह, उमेश कुमार, अर्जुन कुमार, लालूचरण महतो, आरके गुप्ता, पीआर करमाली, सुरेश कुमार सिंह, सुभाष सिंह, शक्ति प्रसाद सिंह, सुधीर दास आदि उपस्थित थे.
– श्रीकांत गिरि –