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अनुशासन व संयम से मिलती है सफलता
धनबाद पब्लिक स्कूल के 28वें वार्षिकोत्सव पर शुक्रवार को 134 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. मौके पर छात्र-छात्राआें ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया. धनबाद : स्कूल अपनी 28वीं वार्षिकोत्सव मना रहा है. एक शैक्षणिक संस्था की नींव का विचार बहुत प्रेरणादायी होता है, जो 28 साल पहले देखा […]
धनबाद पब्लिक स्कूल के 28वें वार्षिकोत्सव पर शुक्रवार को 134 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. मौके पर छात्र-छात्राआें ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया.
धनबाद : स्कूल अपनी 28वीं वार्षिकोत्सव मना रहा है. एक शैक्षणिक संस्था की नींव का विचार बहुत प्रेरणादायी होता है, जो 28 साल पहले देखा गया था. आज के विद्यार्थी कल के जिम्मेवार नागरिक होंगे. मैं यहां आइएसएम में पढ़ता था, तब केवल माउंट कार्मेल, डी-नोबिली, जिला स्कूल आदि हुआ करता था, लेकिन आज कई स्कूल खुल चुके हैं. यहां के बच्चे राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं. आज अभिभावकों पर भी जिम्मेवारी बढ़ी है.
सफलता का पहला कदम अनुशासन व संयम के साथ उठता है. अनुशासन खुद से बनाये रखना होगा. स्कूल के शिक्षक ही नहीं, बच्चे भी स्तंभ हैं. ये बातें धनबाद रेल मंडल के डीआरएम मनोज कृष्ण अखौरी ने कही. वे शुक्रवार को धनबाद पब्लिक स्कूल, केजी आश्रम के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया.
पत्रिका का विमोचन : कार्यक्रम में अतिथियों ने विद्यालय की पत्रिका ‘अवलोकन’ का विमोचन किया गया. इसके बाद कक्षा प्रथम से लेकर पंचम तक के लगभग 134 मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया.
मौके पर मंच पर शिक्षा विकास ट्रस्ट के पेट्रोन डाॅ पीएन गुटगुटिया, चेयरमैन कैलाश प्रसाद अग्रवाल, सचिव गगन दुदानी, विद्यालय के अध्यक्ष शरत दुदानी, धनबाद पब्लिक स्कूल (हीरक ब्रांच) के अध्यक्ष राम प्रसाद कटेसरिया, विवेकानंद विद्यालय के अध्यक्ष रमेश रिटोलिया, स्कूल की प्राचार्य शारदा महाजन आदि मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन स्कूल के सचिव सीए अनिल अग्रवाल ने किया.
अभिभावक भी देंगे सेवा : विद्यालय के प्रेसिडेंट शरत दुदानी ने कहा कि बच्चों का पूर्ण विकास तथा स्तरीय शिक्षा में विद्यालय तथा अभिभावाक दोनों को विश्वास के साथ जिम्मेवारी निभानी चाहिए. भविष्य में उन्होंने (केओपी-नो आवर पैरेंट) योजना विद्यालय में अपनाने की बात कहीं. अभिभावकों की सक्रिय सेवा विद्यालय में ली जा सकती हैं. अभिभावक बच्चों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के उचित उपयोग का ध्यान रखें.
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