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बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचायें, बरतें एहतियात
धनबाद: कोयलांचल में एक बार फिर ठंड ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. आम लोगों के साथ-साथ कंपकपाती ठंड में बुजुर्ग और बच्चे का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. रात का तापमान न्यूनतम 11 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है. इससे ठिठुरन बढ़ गयी है. ब्रेक के बाद एक बार फिर […]
धनबाद: कोयलांचल में एक बार फिर ठंड ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. आम लोगों के साथ-साथ कंपकपाती ठंड में बुजुर्ग और बच्चे का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. रात का तापमान न्यूनतम 11 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है. इससे ठिठुरन बढ़ गयी है. ब्रेक के बाद एक बार फिर से सर्दी लोगों की सेहत भी बिगड़ने लगी है. सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज बढ़ गये हैं. इसमें बच्चों व बुजुर्गों की संख्या अधिक है. निजी क्लिनिकों में भी मरीज बढ़ रहे हैं. प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एस पटनायक ने बताया कि ऐसे मौसम में एहतियात बरतने की जरूरत है.
सर्दी में कम हो जाती है प्रतिरोधक क्षमता : सर्दी के मौसम में बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य दिनों से कम हो जाती है. यही हाल बुजुर्गों का भी रहता है. किसी भी प्रकार के मौसम परिवर्तन का असर तुरंत बच्चे व बुजुर्गों पर पड़ता है. बच्चों को ठंड से ज्यादा गर्म या गर्म से तुरंत ठंडे में नहीं ले जायें. यह भी देखा जाता है कि बच्चे भी अक्सर छोटी-छोटी चीजें मुंह में ले लेते हैं. इससे पेट में दर्द या दस्त की समस्या हो जाती है
बच्चों की बीमारियां : ठंड में बच्चे विभिन्न बैक्टीरिया के साथ वायरस की चपेट में भी आ जाते हैं. इससे बच्चे को दस्त, उल्टी और बुखार एक साथ होता है. बच्चे के शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिससे बुखार के कारण वह सुस्त और चिड़चिड़ा हो जाते है. वहीं एलर्जी और अस्थमा का असर इस मौसम में बढ़ जाता है. बच्चों को सांस संबंधी परेशानी भी होती है. बंद नाक और गले में जकड़न के साथ नाक और आंख से पानी गिरता रहता है. तेज हवा और प्रदूषण से सांस लेने में परेशानी होती है. ठंड के मौसम में बच्चों को होने वाली सबसे आम समस्या निमोनिया है. इसमें बच्चे को बुखार के साथ सांसें तेज हो जाती है, सिर बहुत गर्म रहता है.
बुजुर्गों को दबोचती हैं बीमारियां : बड़ों व बुजुर्गों में ठंड के मौसम में बैक्टीरिया व वायरस अटैक करता है. इससे सर्दी, खांसी, बुखार बदन दर्द आदि परेशानी होती है. इसके साथ आंखें शुष्क होने के कारण चिपकने लगती हैं. ठंड में त्वचा में रैशेज और दाने की समस्या प्राय: छोटे बच्चों में पायी जाती है. यह बड़ों में भी दिखता है. इसका कारण एलर्जी और हार्मोन में बदलाव के साथ ठंडी हवा भी है. हृदय रोग, बीपी, सांस व अस्थमा के मरीज के लिए ठंड काफी खतरनाक होता है.
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