स्कूटी सवार को बचाने में सड़क के किनारे पलटी नगर निगम की बस

सिजुआ: धनबाद-कतरास मुख्य मार्ग पर अंगारपथरा के समीप रविवार की सुबह नगर निगम की बस पलट गयी. हादसे में लगभग आधा दर्जन यात्री घायल हो गये. घटना के बाद चीख-पुकार मच गयी. आधा घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा. स्थानीय लोगों ने बस की खिड़की से घायलों को बाहर निकाला और एक ऑटो से कतरास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 10:15 AM
सिजुआ: धनबाद-कतरास मुख्य मार्ग पर अंगारपथरा के समीप रविवार की सुबह नगर निगम की बस पलट गयी. हादसे में लगभग आधा दर्जन यात्री घायल हो गये. घटना के बाद चीख-पुकार मच गयी. आधा घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा. स्थानीय लोगों ने बस की खिड़की से घायलों को बाहर निकाला और एक ऑटो से कतरास नदी किनारे स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया. यहां सभी घायल इलाजरत हैं. घायलों में प्रसादी राम व धनेश्वर पासवान की स्थिति गंभीर है.
अचानक सामने आया स्कूटी सवार : आज सुबह 8.30 बजे झरिया बस स्टैंड से जेएच 10वी 0070 नंबर की बस कतरास के लिए चली थी. नगर निगम की बस में सवार यात्रियों ने बताया कि झरिया में बस को धक्का देकर स्टार्ट किया गया था. वहां से बस लोयाबाद पहुंची. बुरी तरह घायल प्रसादी राम लोयाबाद में कतरास जाने के लिए बस में सवार हुए थे. घटना के समय बस में कुल 27 यात्री सवार थे. जब बस अंगारपथरा के समीप पहुंची, विपरित दिशा से एक स्कूटी अचानक सामने आ गयी. सवार को बचाने में बस चालक ने अपना संतुलन खो दिया और बस सीधे सड़क के नीचे आ गयी. बस त्रिभुवन भुईयां के घर के बाहर बने चबूतरा को तोड़ते हुए पलटी खा गयी.
घटनास्थल पर मची चीख-पुकार
यात्रियों से भरी बस के पलटते ही उसका चालक वहां से फरार हो गया. यात्रियों में चीख-पुकार मच गयी. लोग दर्द से चीख-चिल्ला रहे थे. हादसे के बाद मार्ग की दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गयी. लोग घायलों को बचाने के लिए बस की ओर दौड़ पड़े. किसी तरह से बस के आगे लगे शीशे को तोड़कर घायलों के अलावा अन्य यात्रियों को निकाला गया. घायलों में सह चालक धनेश्वर पासवान, कतरास कलाली पट्टी निवासी मुस्तैदी खातून, कतरास गोशाला निवासी असलमा खातून शामिल हैं. इनके अलावे कई अन्य यात्रियों को भी चोट आयी. लोगों ने कई यात्रियों को बाहर निकाल दूसरे वाहन से गंतव्य की ओर भेजा.

बाल-बाल बचा त्रिभुवन का परिवार
बीसीसीएल कर्मी त्रिभुवन भुईयां कंपनी आवास में रहते हैं. जिस चबूतरे के पास घटना हुई, वहां परिवार के सदस्य और बच्चे बैठकर कार्य करते हैं. घर के समीप ही माडा पानी का स्टैंड पोस्ट भी है. इस कारण आसपास के दर्जनों लोग प्रतिदिन पानी भरते हैं. आज पानी चालू नहीं होने के चलते लोग भरने नहीं आये थे. वहीं त्रिभुवन के परिजन सुबह में चबूतरा पर बैठकर बातचीत कर रहे थे. घटना से कुछ मिनट पहले ही सभी घर के अंदर चले गये थे. अगर स्टैंड पोस्ट पर पानी लेने भीड़ मौजूद होती या त्रिभुवन भुईयां के परिवार के सदस्य होते, तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था.

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